फैलाओ सुगंध जीवन में
बनो तुम
चंदन से
फैले जब
सुगंध सब ओर
हो जाएँ
दीवाने सब
जीवन में
लगे जो
चंदन माथे पर
शीतल हो जाएँ
तन मन
लगे जब
चंदन
देव को
मिले आशीष
उनका
जीवन में
घिसे चंदन
मंदिर में
भक्त
पावन होता
देव स्थल
लगाओ
चंदन
बुजुर्गो को नित्य
मिलेगा आशीष
उनका
जीवन भर
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल