"आगे बढ़ने की राह" (The Path of Moving Forward):
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
सदा सुखी रहें भैया मेरे, यही कामना करती हूं
*दर्शन करना है तो ठहरो, पथ में ठहराव जरूरी है (राधेश्यामी छं
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
श्राद्ध पक्ष में सनातन संस्कृति का महत्व
इश्क़ के नाम पर धोखा मिला करता है यहां।
भोर सुहानी हो गई, खिले जा रहे फूल।
@ग़ज़ल:- शिलान्यास हो गया...
बाबा रामस्वरूप दास - भजन- रचनाकार अरविंद भारद्वाज
जीवन उत्साह
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
💐यू लूजर फॉरएवर💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आसमां से गिरते सितारे का एक लम्हा मैंने भी चुराया है।
चाहे हमें तुम कुछ भी समझो