Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2024 · 1 min read

सूरज क्यों चमकता है?

कविता-डॉ.नितेश शाह
सूरज क्यों चमकता है?
आग-सा क्यों दहकता है?
चाँद क्यों दर-दर भटकता है?
बादल क्यों बरसता है?
क्यों बहती जलधारा है?
क्यों दरिया इतना खारा है?
क्यों नदियाँ का किनारा है?
क्यों तिनके का सहारा है?
क्यों धरती ने पुकारा है?
क्यों बहती अमृतधारा है?
सोचो ! और विचार करो,
सब प्रकृति की ही माया है।
=======

20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लंगोटिया यारी
लंगोटिया यारी
Sandeep Pande
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
!! हे उमां सुनो !!
!! हे उमां सुनो !!
Chunnu Lal Gupta
कभी सुलगता है, कभी उलझता  है
कभी सुलगता है, कभी उलझता है
Anil Mishra Prahari
जय जय हिन्दी
जय जय हिन्दी
gurudeenverma198
Uljhane bahut h , jamane se thak jane ki,
Uljhane bahut h , jamane se thak jane ki,
Sakshi Tripathi
श्री राम राज्याभिषेक
श्री राम राज्याभिषेक
नवीन जोशी 'नवल'
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
Keshav kishor Kumar
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
"प्रेमको साथी" (Premko Sathi) "Companion of Love"
Sidhartha Mishra
शिक्षक
शिक्षक
Mukesh Kumar Sonkar
आएंगे तो मोदी ही
आएंगे तो मोदी ही
Sanjay ' शून्य'
याद - दीपक नीलपदम्
याद - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मज़हब नहीं सिखता बैर
मज़हब नहीं सिखता बैर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3396⚘ *पूर्णिका* ⚘
3396⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
VINOD CHAUHAN
प्रियवर
प्रियवर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जय श्री राम
जय श्री राम
Neha
डर-डर से जिंदगी यूं ही खत्म हो जाएगी एक दिन,
डर-डर से जिंदगी यूं ही खत्म हो जाएगी एक दिन,
manjula chauhan
"बल और बुद्धि"
Dr. Kishan tandon kranti
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko...!
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko...!
Srishty Bansal
*सबको बुढापा आ रहा, सबकी जवानी ढल रही (हिंदी गजल)*
*सबको बुढापा आ रहा, सबकी जवानी ढल रही (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Plastic Plastic Everywhere.....
Plastic Plastic Everywhere.....
R. H. SRIDEVI
......तु कोन है मेरे लिए....
......तु कोन है मेरे लिए....
Naushaba Suriya
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
उत्तर प्रदेश प्रतिनिधि
Harminder Kaur
इस दिल में .....
इस दिल में .....
sushil sarna
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
Shashi Dhar Kumar
#कृतज्ञतापूर्ण_नमन
#कृतज्ञतापूर्ण_नमन
*Author प्रणय प्रभात*
नवीन और अनुभवी, एकजुट होकर,MPPSC की राह, मिलकर पार करते हैं।
नवीन और अनुभवी, एकजुट होकर,MPPSC की राह, मिलकर पार करते हैं।
पूर्वार्थ
Loading...