Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2023 · 1 min read

Open mic Gorakhpur

फैन बोले तो और अमृत लेखन
आपके लिए आपके शहर गोरखपुर में
लाएं
UnmuteX Open Mic
जहां है आपके लिए
Singing /Comedy/Mimicry
Poetry/Story telling/
And lots of fun Masti
तो अपनी जगह आज ही सुनिश्चित करें
08739091856
099361 84690
078272 54933

240 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सूरज की किरणों
सूरज की किरणों
Sidhartha Mishra
क्या खूब दिन थे
क्या खूब दिन थे
Pratibha Pandey
नेह निमंत्रण नयनन से, लगी मिलन की आस
नेह निमंत्रण नयनन से, लगी मिलन की आस
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
आए अवध में राम
आए अवध में राम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"बन्दगी" हिंदी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
चिंता अस्थाई है
चिंता अस्थाई है
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
अनवरत ये बेचैनी
अनवरत ये बेचैनी
Shweta Soni
मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उन्हें नमन।
मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उन्हें नमन।
Paras Nath Jha
3206.*पूर्णिका*
3206.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
आँखों में उसके बहते हुए धारे हैं,
आँखों में उसके बहते हुए धारे हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
■ यादगार लम्हे
■ यादगार लम्हे
*Author प्रणय प्रभात*
"ये याद रखना"
Dr. Kishan tandon kranti
कितना सकून है इन , इंसानों  की कब्र पर आकर
कितना सकून है इन , इंसानों की कब्र पर आकर
श्याम सिंह बिष्ट
मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं
मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
मित्र
मित्र
लक्ष्मी सिंह
गुनाह ना करके भी
गुनाह ना करके भी
Harminder Kaur
*अद्वितीय गुणगान*
*अद्वितीय गुणगान*
Dushyant Kumar
*कंचन काया की कब दावत होगी*
*कंचन काया की कब दावत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*सड़क छोड़ो, दरवाजे बनवाओ (हास्य व्यंग्य)*
*सड़क छोड़ो, दरवाजे बनवाओ (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
डॉ० रोहित कौशिक
वंशवादी जहर फैला है हवा में
वंशवादी जहर फैला है हवा में
महेश चन्द्र त्रिपाठी
वो एक विभा..
वो एक विभा..
Parvat Singh Rajput
* वेदना का अभिलेखन : आपदा या अवसर *
* वेदना का अभिलेखन : आपदा या अवसर *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Scattered existence,
Scattered existence,
पूर्वार्थ
आजाद पंछी
आजाद पंछी
Ritu Asooja
14, मायका
14, मायका
Dr Shweta sood
हँसकर गुजारी
हँसकर गुजारी
Bodhisatva kastooriya
संभव कब है देखना ,
संभव कब है देखना ,
sushil sarna
काम चलता रहता निर्द्वंद्व
काम चलता रहता निर्द्वंद्व
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...