Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2024 · 1 min read

हँसकर गुजारी

नित नये दोस्तो से मिल नये मान मिलते है!
उम्र की गिनती रोक कर,हम शान खिलते है!!
सुबह गुज़रती है योग,दौडने,घूमने के बहाने!
फिर दौर चाय की चुस्की अखबार के मुहाने!!
फेसबुक मैसेज से दुआ सलाम का सिलसिला!
कुछ ज़वान है तो कोई हो चुका है पिलपिला!!
अब तलक नही छोडी कारखाने की रिवायत!
घर वालो से न कोई चू चपड नाही शिकायत!!
बाद नहाने-धोने और पूजा-पाठ ,फिर भोजन!
दिन गुज़रे सलामती औ खुशी कटे सौ योजन!!
जिन्दगी का मजा क्योकर कम करू ‘लेनिन’?
हँसकर गुजारी अब तलक ना गिला ‘लेनिन’!!
आने वाली पीढी को बस है यही इक हिदायत!
लम्बी उम्र का उज्र हो,किसी से नही शिकायत!!
मुडकर कभी देखना नही अच्छा बुरा इस सफर!
मस्त कट जाएगी ऐसे ही,बस बाकी है जो डगर!!
मौलिक रचना सर्वाधिकार सुरछित
बोधिसत्व कस्तूरिया ‘लेनिन’ एडवोकेट,कवि,पत्रकार
202 नीरव निकुजं फेस-2 सिकंदरा आगरा -282007
मो:9412443093

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 77 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Bodhisatva kastooriya
View all
You may also like:
अन्तर्मन की विषम वेदना
अन्तर्मन की विषम वेदना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब...
ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
जीने का सलीका
जीने का सलीका
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
खून के आंसू रोये
खून के आंसू रोये
Surinder blackpen
"सियार"
Dr. Kishan tandon kranti
संन्यास के दो पक्ष हैं
संन्यास के दो पक्ष हैं
हिमांशु Kulshrestha
नल बहे या नैना, व्यर्थ न बहने देना...
नल बहे या नैना, व्यर्थ न बहने देना...
इंदु वर्मा
पिछले पन्ने 9
पिछले पन्ने 9
Paras Nath Jha
मिलन की वेला
मिलन की वेला
Dr.Pratibha Prakash
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीवन
जीवन
नन्दलाल सुथार "राही"
चल सतगुर के द्वार
चल सतगुर के द्वार
Satish Srijan
"दोस्त-दोस्ती और पल"
Lohit Tamta
खुद पर यकीन करके
खुद पर यकीन करके
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
दो शब्द
दो शब्द
Ravi Prakash
#तेवरी-
#तेवरी-
*Author प्रणय प्रभात*
शिक्षा का महत्व
शिक्षा का महत्व
Dinesh Kumar Gangwar
करते हो क्यों प्यार अब हमसे तुम
करते हो क्यों प्यार अब हमसे तुम
gurudeenverma198
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
Manoj Mahato
मिलना था तुमसे,
मिलना था तुमसे,
shambhavi Mishra
जो घर जारै आपनो
जो घर जारै आपनो
Dr MusafiR BaithA
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
ये संगम दिलों का इबादत हो जैसे
VINOD CHAUHAN
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
💐प्रेम कौतुक- 292💐
💐प्रेम कौतुक- 292💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
पूर्वार्थ
"बन्दगी" हिंदी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
23/183.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/183.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
Loading...