प्रात काल की शुद्ध हवा
प्रात काल की शुद्ध हवा
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प्रात काल की शुद्ध हवा है।
सबसे अच्छी एक दवा है।
बलवर्धक सबसे हितकारी।
सेहतमंद सदा गुणकारी।
साँस-उसाँसे होती ताजा।
रग-रग में तब बजता बाजा।
सूरज की किरणें आतीं हैं।
सारी कलियाँ खिल जातीं हैं।
आलस्यों को दूर भगाता।
चुस्ती फूर्ती उम्र बढ़ाता।
सुबह-सुबह जो भी पढता है।
याद हमेशा वो रहता है।
प्रात काल जो उठ जातें हैं।
सदा सफलता वो पातें हैं।
अधिक देर तक जो सोता है।
वो जीवन अपना खोता है।
प्रात काल जो सैर करेगा।
दैव उसी का खैर करेगा
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली