पैगाम आया है
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फ़लक से जमीन पर ये पैगाम आया है
तुम ही जान हो मेरी पैगाम आया है
तुम्ही से रोशन जिंदगी आईं बहारें है
तुम ही शान हो मेरी पैगाम आया है
तेरे आने से यहाँ चार चाँद लग गए
तुम ही चाँद हो मेरे पैगाम आया है
मिला जो साथ तेरा फूले न समाये
तुम ही साथ हो मेरा पैगाम आया है
बहुत ही प्यार भरा हमें नजराना मिला
तुमसी नज़र ना कोई पैगाम आया है
सुखविंद्र ढूँढे है जिसे ख्वाबों,ख्यालों में
वही ख्वाब ए मल्लिका पैगाम आया है
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)