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8 Jan 2023 · 1 min read

पीड़ा की मूकता को

ह्रदय की वेदना को
मन की संवेदना को
जो व्यक्त कर सके
जो विभक्त कर सके
पीड़ा की मूकता को
रिश्तों की चूकता को
वो शब्द ढूंढने हैं
वो निःशब्द ढूंढने हैं
समझा सकूं स्वयं को
वो विकल्प ढूंढने हैं।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
10 Likes · 452 Views
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