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2 Jul 2024 · 1 min read

#आधार छंद : रजनी छंद

#आधार छंद : रजनी छंद
#मापनी : 2122 2122 2122 2

गीत

हर हृदय कोई बसा है , जो हमारा है ।
है स्वजन , वह मीत या प्रभु , प्राण प्यारा है ।।

हर खुशी दम पर उसी के , प्रेरणा मिलती ।
रात दिन सब हैं गमकते , याद है पलती ।
जब कठिन आई घड़ी तो , वह सहारा है ।।
है स्वजन , वह मीत या प्रभु , प्राण प्यारा है ।।

बंद नैनों में किया है , यों छिपाया है ।
स्मृति पटल पर छवि अनूठी , खूब भाया है ।
मन उदधि जब ले हिलोरें , दे किनारा है ।।
है स्वजन , वह मीत या प्रभु , प्राण प्यारा है ।।

जो मिला स्वीकार हमको , मौन है खुशियाँ ।
भेद चाहे जानना हैं , पूछती सखियाँ ।
ज़िंदगी कलकल करे पल , पल निखारा है ।।
है स्वजन , वह मीत या प्रभु , प्राण प्यारा है ।।

याद मनहर है मधुर पर , चोंट दे गहरी ।
धौल देती पीठ जब भी , यह नहीं ठहरी ।
भागती है दूर हमसे , कर किनारा है ।।
है स्वजन , वह मीत या प्रभु , प्राण प्यारा है ।।

स्वरचित / रचियता :
बृज व्यास
शाजापुर ( मध्य प्रदेश )

Language: Hindi
3 Likes · 156 Views
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