अपना कहे हम किसे, हम खुद ही बेगाने हो गये।
अपना कहे हम किसे, हम खुद ही बेगाने हो गये।
रिश्तों की चमक नूर, अब तो फसाने हो गये।
राम का रुप संजो कर, रखा है इस दिल में अपने।
उस भाई से मिले, लगता है मानो जमाने हो गये।
श्याम सांवरा…
अपना कहे हम किसे, हम खुद ही बेगाने हो गये।
रिश्तों की चमक नूर, अब तो फसाने हो गये।
राम का रुप संजो कर, रखा है इस दिल में अपने।
उस भाई से मिले, लगता है मानो जमाने हो गये।
श्याम सांवरा…