सरकारों के बस में होता हालतों को सुधारना तो अब तक की सरकारें
CISM Certification Training in Amsterdam, Netherlands
कुछ दूर और चली होती मेरे साथ
उसका प्रेम
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
कुछ लोग
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
ख़ुशियाँ हो जीवन में, गुलाब होने का हर्ष रहे
मशहूर कवि शंकरलाल द्विवेदी
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
पेड़ सी सादगी दे दो और झुकने का हुनर डालियों से।
जब कभी प्यार की वकालत होगी
बारिश में संग मेरे भीग जाया करो
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
"ज्ञान ही एकमात्र गुण है" क्योंकि "एक बार मनुष्य बुराई से अच
*बेटियॉं कठपुतलियॉं हरगिज नहीं कहलाऍंगी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
क्या मंद मंद मुस्कराते हो