*** ” नारी और नारी शक्ति है महान् …….!!! ” ***
*** : अरुणिमा नीरज कर रही है ,
तेरी गुणों की गौरव गान ।
नारी शक्ति है अद्भुत,
और अटूट शक्ति की पहिचान।
तू ही शक्ति , तू ही विश्वस्वरुपा ,
तू ही सर्वशक्तिमान ।
तूने ही रचा है ,
इस अदभुत दुनिया की विचित्र विधान।
तू ही है जगत् जननी ,
तू ही है सबकी हितकरणी ।
तेरी रुप-स्वरुप है विनाशित ,
पर तेरी शक्ति है अविनाशित ।
तू ही वैभव ,
तू ही है अतुल्य-प्रेम की प्रतीक ,
तू ही है अमूल्य जीवन की निर्मल जलधारा ,
तू ही है सुख-दुख का अटूट किनारा ,
और तू ही है अनुपम जीवन में ,
प्रीत भरी सरगम-संगीत ।।
तू ही मन की अनुबंध है ,
और तू ही अमर-प्रेम की प्रबंध।
तूझमें जो सर्व सम् भाव स्वयं निहित है ,
सारी दुनिया उससे पूर्णरुपेण परिचित है ।
हर युग में तेरी शक्ति से ही ,
हुई है जग की सकल सर्व उत्थान ।
ममता की वर्षा कर ,
जीवन में सुरभित रंग भर ,
प्रेम लूटा तन-मन समर्पण कर ,
स्वयं की कर गई बलिदान।
*** : सब कुछ खोया है तूने ,
कभी कौरवों की चीरहरण से ,
कभी राम जी की परित्याग से ,
फिर भी नारी शक्ति की बीज बोया है तूने।
सब कुछ खोया है तूने ,
कभी मीरा बन गरल घूट पीकर ,
कभी अग्नि-परीक्षा की तपन सह कर ,
कभी चरित्रहीनता की प्रकोप वस्त्र पहन कर ,
पर कभी भी स्वयं को नहीं खोया है तूने ।
हे नारी शक्ति… सदैव ही तुम स्वतंत्र हो ,
तुम ही अनुपम जीवन की अमूल्य धन यंत्र हो ।
हर युग में अविनाशी प्रेम शक्ति की हो साया ,
जीवन की संजीवनी बूटी फुलवारी ,
और ममता प्रतिरुप की होपरिछाया ।
हे नारी …! तेरी शक्ति है इतनी महान ,
करे जो जगत की सकल उत्थान।
तू ही इस जगत की सृजन करे ,
तभी तो जगत रचिता ब्रम्हा जी ,
तूझे सदैव नमन करे ।।
********************∆∆∆******************
* बी पी पटेल *
बिलासपुर ( छत्तीसगढ़ )