Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2023 · 1 min read

फितरत

परेशान हर हाल में
मुख्तसर से इस जहान में
हर एक की कोई न कोई फितरत रही।
ज़िंदा तो रहे सब, हर हाल में यहाँ
पर ज़िंदगी जी पाना
किसी किसी की फितरत रही।
यकीन तो इबादत सा
कर लिया था हमनें
पर उस यकीन को निभा पाना
न सब की फितरत रही।
अल्फाजों ने कुछ तो
बयाँ करना चाहा था मगर
बंदिश कलम पर लगाना
तुम्हारी फितरत रही।
इल्म तो कुदरत ने सभी को
दिया है कुछ ना कुछ
पर जाने क्यों हसद ही करना
ज़माने की फितरत रही।
रब कहाँ चाहता था कि
बँटे दीवारो दर और इंसान यहाँ
पर खुद ही अपने हिस्से बांट लेना
खुदगर्ज़ी की फितरत रही।
– डॉ0 सीमा वर्मा (सर्वाधिकार सुरक्षित)

3 Likes · 4 Comments · 409 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Seema Varma
View all
You may also like:
रमेशराज का हाइकु-शतक
रमेशराज का हाइकु-शतक
कवि रमेशराज
आब आहीं हमर गीत बनल छी ,रचना केँ श्रृंगार बनल छी, मिठगर बोली
आब आहीं हमर गीत बनल छी ,रचना केँ श्रृंगार बनल छी, मिठगर बोली
DrLakshman Jha Parimal
आगे बढ़ने दे नहीं,
आगे बढ़ने दे नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अमृत मयी गंगा जलधारा
अमृत मयी गंगा जलधारा
Ritu Asooja
*इमली (बाल कविता)*
*इमली (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जय जगदम्बे जय माँ काली
जय जगदम्बे जय माँ काली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फूल कुदरत का उपहार
फूल कुदरत का उपहार
Harish Chandra Pande
मनुस्मृति का, राज रहा,
मनुस्मृति का, राज रहा,
SPK Sachin Lodhi
संसार चलाएंगी बेटियां
संसार चलाएंगी बेटियां
Shekhar Chandra Mitra
यह कैसा आया ज़माना !!( हास्य व्यंग्य गीत गजल)
यह कैसा आया ज़माना !!( हास्य व्यंग्य गीत गजल)
ओनिका सेतिया 'अनु '
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
मुझे भी बतला दो कोई जरा लकीरों को पढ़ने वालों
मुझे भी बतला दो कोई जरा लकीरों को पढ़ने वालों
VINOD CHAUHAN
यदि आप किसी काम को वक्त देंगे तो वह काम एक दिन आपका वक्त नही
यदि आप किसी काम को वक्त देंगे तो वह काम एक दिन आपका वक्त नही
Rj Anand Prajapati
2321.पूर्णिका
2321.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Humiliation
Humiliation
AJAY AMITABH SUMAN
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हर कोरे कागज का जीवंत अल्फ़ाज़ बनना है मुझे,
हर कोरे कागज का जीवंत अल्फ़ाज़ बनना है मुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
’बज्जिका’ लोकभाषा पर एक परिचयात्मक आलेख / DR. MUSAFIR BAITHA
’बज्जिका’ लोकभाषा पर एक परिचयात्मक आलेख / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
चलो चलें वहां जहां मिले ख़ुशी
चलो चलें वहां जहां मिले ख़ुशी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
महाकवि नीरज के बहाने (संस्मरण)
महाकवि नीरज के बहाने (संस्मरण)
Kanchan Khanna
निकट है आगमन बेला
निकट है आगमन बेला
डॉ.सीमा अग्रवाल
चलो प्रिये तुमको मैं संगीत के क्षण ले चलूं....!
चलो प्रिये तुमको मैं संगीत के क्षण ले चलूं....!
singh kunwar sarvendra vikram
💐प्रेम कौतुक-219💐
💐प्रेम कौतुक-219💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नारी....एक सच
नारी....एक सच
Neeraj Agarwal
धड़कन धड़कन ( गीत )
धड़कन धड़कन ( गीत )
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"बन्दगी" हिंदी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
इस क़दर
इस क़दर
Dr fauzia Naseem shad
आशा
आशा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
श्याम सिंह बिष्ट
मीना
मीना
Shweta Soni
Loading...