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12 Jun 2023 · 1 min read

दशहरा

किया था पाप मगर वेदों का भी ज्ञाता था
देख पौरुष जिसका तीनों लोक थर्राता था
ज्ञान,बुद्धि,बल,ध्यान जिसके थे ऐसे हथियार
महादेव का शिष्य वो लंकेश्वर कहलाता था
गुण नहीं देखते केवल हम तो दोष दिखाते है
कुंठा,अधर्म को नहीं सिर्फ ज्ञान को जलाते हैं
छल,कपट,अहं,तृष्णा को मन में अपने पाल कर
फूंक रावण का पुतला हर वर्ष दशहरा मनाते है।।

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