Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2024 · 1 min read

*चुनावी कुंडलिया*

चुनावी कुंडलिया
🍃🍃🍃🍂🍂
करिए कुछ ऐसा जतन, बने सुदृढ़ सरकार (कुंडलिया)
_________________________
करिए कुछ ऐसा जतन, बने सुदृढ़ सरकार
जोड़-तोड़ पैबंद का, कर दें बंटाधार
कर दें बंटाधार, एक दल बहुमत लाए
पाए जन-आदेश, शुद्ध सरकार बनाए
कहते रवि कविराय, आत्मबल मन में भरिए
मनपसंद सरकार, वोट से निर्मित करिए
—————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
कैसे- कैसे नींद में,
कैसे- कैसे नींद में,
sushil sarna
2540.पूर्णिका
2540.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बेतरतीब
बेतरतीब
Dr. Kishan tandon kranti
वापस
वापस
Harish Srivastava
बहुत सहा है दर्द हमने।
बहुत सहा है दर्द हमने।
Taj Mohammad
मेरी जिंदगी में जख्म लिखे हैं बहुत
मेरी जिंदगी में जख्म लिखे हैं बहुत
Dr. Man Mohan Krishna
देख कर
देख कर
Santosh Shrivastava
किसान और जवान
किसान और जवान
Sandeep Kumar
The story of the two boy
The story of the two boy
DARK EVIL
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
दुनिया कैसी है मैं अच्छे से जानता हूं
Ranjeet kumar patre
#क्या_पता_मैं_शून्य_हो_जाऊं
#क्या_पता_मैं_शून्य_हो_जाऊं
The_dk_poetry
वाह भाई वाह
वाह भाई वाह
gurudeenverma198
आवारगी
आवारगी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बदलते रिश्ते
बदलते रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
मेरी हस्ती
मेरी हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
You call out
You call out
Bidyadhar Mantry
सेर (शृंगार)
सेर (शृंगार)
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
तीन सौ वर्ष पुराना माई का थान और उसके सेवारत महामंत्री सुनील
तीन सौ वर्ष पुराना माई का थान और उसके सेवारत महामंत्री सुनील
Ravi Prakash
बींसवीं गाँठ
बींसवीं गाँठ
Shashi Dhar Kumar
दीपावली
दीपावली
Neeraj Agarwal
पता नहीं कुछ लोगों को
पता नहीं कुछ लोगों को
*Author प्रणय प्रभात*
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
देश काल और परिस्थितियों के अनुसार पाखंडियों ने अनेक रूप धारण
देश काल और परिस्थितियों के अनुसार पाखंडियों ने अनेक रूप धारण
विमला महरिया मौज
कैसे देखनी है...?!
कैसे देखनी है...?!
Srishty Bansal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मेरी फितरत तो देख
मेरी फितरत तो देख
VINOD CHAUHAN
भूत प्रेत का भय भ्रम
भूत प्रेत का भय भ्रम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Consistency does not guarantee you you will be successful
Consistency does not guarantee you you will be successful
पूर्वार्थ
प्रेम
प्रेम
Dr.Priya Soni Khare
मुझे उस पार उतर जाने की जल्दी ही कुछ ऐसी थी
मुझे उस पार उतर जाने की जल्दी ही कुछ ऐसी थी
शेखर सिंह
Loading...