Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2023 · 1 min read

तसव्वुर

मसर्रत की ऐसी हवा चली है ,
माहौल की सरगर्मियां लुत्फ़-अंदोज़ हो रहीं हैं ,

लगता है अभी-अभी
किसी ने मुझे प्यार से छूआ है ,
ज़ेहन में अजब सी
मदहोशी का एहसास हो रहा है ,

हर सम्त फ़जा भी
खुश़गवार हो रही है ,
रोशन शुआओं की
एक नई सुबह हो रही है ,

यादों का कारवां रफ़्ता-रफ़्ता पीछे
छूटता जा रहा है ,
वक्त के इस्तिक़बाल में लम्हों का
जुलूस जा रहा है ,

आरज़ू के उफ़क से उम्मीद-ए- ज़िदगी का
आग़ाज़ हो रहा है,
इक बुलंद मुस्तक़बिल रहने का
तसव्वुर हो रहा है ।

1 Like · 163 Views
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"खेलों के महत्तम से"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम जलधर मैं मीन...
तुम जलधर मैं मीन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मैं सफ़र मे हूं
मैं सफ़र मे हूं
Shashank Mishra
2839.*पूर्णिका*
2839.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यूं सच्चे रिश्तें भी अब मुसाफ़िर बन जाते हैं,
यूं सच्चे रिश्तें भी अब मुसाफ़िर बन जाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
देव दीपावली
देव दीपावली
Vedha Singh
बन बादल न कोई भरा
बन बादल न कोई भरा
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
अमरत्व
अमरत्व
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
कुण्डलियाँ छंद
कुण्डलियाँ छंद
पंकज परिंदा
वैसा न रहा
वैसा न रहा
Shriyansh Gupta
फिर मुझे तेरी याद आई
फिर मुझे तेरी याद आई
Jyoti Roshni
अंतर्द्वंद्व
अंतर्द्वंद्व
रीतेश माधव
“चिकनी -चुपड़ी बातें”
“चिकनी -चुपड़ी बातें”
DrLakshman Jha Parimal
क्या तुम्हें लगता है कि
क्या तुम्हें लगता है कि
gurudeenverma198
नैनों की भाषा पढ़ें ,
नैनों की भाषा पढ़ें ,
sushil sarna
*श्वास-गति निष्काम होती है (मुक्तक)*
*श्वास-गति निष्काम होती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
वीर-जवान
वीर-जवान
लक्ष्मी सिंह
आरजी जिंदगी है ...हिसाब किताब होगा सब आखिरत में......
आरजी जिंदगी है ...हिसाब किताब होगा सब आखिरत में......
shabina. Naaz
मन की पीड़ा
मन की पीड़ा
seema sharma
अरे मेघ! मेरे दूत बन जाओ
अरे मेघ! मेरे दूत बन जाओ
सोनू हंस
आहत बता गयी जमीर
आहत बता गयी जमीर
भरत कुमार सोलंकी
दुनिया में लोग ज्यादा सम्पर्क (contect) बनाते हैं,
दुनिया में लोग ज्यादा सम्पर्क (contect) बनाते हैं,
Lokesh Sharma
टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो
टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो
Er.Navaneet R Shandily
एक सिपाही
एक सिपाही
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
बड़ी बातें बेची गईं, तुमको कि ख्वाब मुक़्कम्मल ना हुए, अब को
बड़ी बातें बेची गईं, तुमको कि ख्वाब मुक़्कम्मल ना हुए, अब को
पूर्वार्थ
तुम बिन जीवन
तुम बिन जीवन
Saraswati Bajpai
गॉड दैट फेल्ड
गॉड दैट फेल्ड
Shekhar Chandra Mitra
हर बात पे ‘अच्छा’ कहना…
हर बात पे ‘अच्छा’ कहना…
Keshav kishor Kumar
"पिंजरा खूबसूरती का"
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...