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18 Jun 2023 · 1 min read

“चक्र”

“चक्र”
मिट जाता है बीज भी
अपना अस्तित्व बचाने को
कोई आँसू छुपा लेता है
औरों को हँसाने को
सुख-दुःख के आने जाने में
एक में दूजे का जिक्र है,
पतझड़ का आना-जाना भी
मौसम का एक चक्र है।

6 Likes · 4 Comments · 335 Views
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