Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Apr 2023 · 1 min read

*माता चरणों में विनय, दो सद्बुद्धि विवेक【कुंडलिया】*

माता चरणों में विनय, दो सद्बुद्धि विवेक【कुंडलिया】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
माता चरणों में विनय , दो सद्बुद्धि विवेक
भरो विमल वह भावना , बनें शुद्ध सब नेक
बनें शुद्ध सब नेक , जगत में प्यार लुटाएँ
वसुधा एक कुटुंब , भाव दिल से यह आएँ
कहते रवि कविराय , समझ बस इतना आता
हम बालक मतिमंद ,दिखा पथ दो शुभ माता
—————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

385 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
सारी हदों को तोड़कर कबूला था हमने तुमको।
सारी हदों को तोड़कर कबूला था हमने तुमको।
Taj Mohammad
कौन नहीं है...?
कौन नहीं है...?
Srishty Bansal
मां चंद्रघंटा
मां चंद्रघंटा
Mukesh Kumar Sonkar
मोबाइल है हाथ में,
मोबाइल है हाथ में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
¡¡¡●टीस●¡¡¡
¡¡¡●टीस●¡¡¡
Dr Manju Saini
Remembering that winter Night
Remembering that winter Night
Bidyadhar Mantry
नारी
नारी
Dr Archana Gupta
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
नशा नाश की गैल हैं ।।
नशा नाश की गैल हैं ।।
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
योगी
योगी
Dr.Pratibha Prakash
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
शुद्धता का नया पाठ / MUSAFIR BAITHA
शुद्धता का नया पाठ / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
ख्वाब सस्ते में निपट जाते हैं
ख्वाब सस्ते में निपट जाते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
डोरी बाँधे  प्रीति की, मन में भर विश्वास ।
डोरी बाँधे प्रीति की, मन में भर विश्वास ।
Mahendra Narayan
" चर्चा चाय की "
Dr Meenu Poonia
सफलता
सफलता
Vandna Thakur
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बनना है बेहतर तो सब कुछ झेलना पड़ेगा
बनना है बेहतर तो सब कुछ झेलना पड़ेगा
पूर्वार्थ
हड़ताल
हड़ताल
नेताम आर सी
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
Vicky Purohit
वो पुराने सुहाने दिन....
वो पुराने सुहाने दिन....
Santosh Soni
"महसूस"
Dr. Kishan tandon kranti
बाल कविता: मुन्नी की मटकी
बाल कविता: मुन्नी की मटकी
Rajesh Kumar Arjun
मन से चाहे बिना मनचाहा नहीं पा सकते।
मन से चाहे बिना मनचाहा नहीं पा सकते।
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
* सामने बात आकर *
* सामने बात आकर *
surenderpal vaidya
बिखरने की सौ बातें होंगी,
बिखरने की सौ बातें होंगी,
Vishal babu (vishu)
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
All good
All good
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...