Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2022 · 2 min read

ग़ज़ल क्या है

ل
ग़ज़ल क्या है

खान मनजीत भावड़िया मजीद

ग़ज़ल उर्दू शायरी की सबसे प्रिय विधाओं में से एक है। उर्दू शायरी का सबसे बड़ा स्रोत ग़ज़ल के रूप में है।ग़ज़ल का अर्थ है “प्रिय से बात करना”। लेकिन ग़ज़ल केवल प्यार और स्नेह तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका दायरा बहुत व्यापक है। यह सामाजिक, राजनीतिक, सामाजिक मुद्दों, दर्शन और रहस्यवाद और मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं से संबंधित है। हर ग़ज़ल की शायरी की एक अलग थीम होती है, यानि इसके बोल अलग-अलग होते हैं। यदि किसी ग़ज़ल के बोल एक ही विषय पर हों, अर्थात यदि उनके बीच निरंतरता हो, तो वह निरंतर ग़ज़ल कहलाती है। ग़ज़ल के पहले छंद को मुतला कहते हैं। इसके दोनों अक्षर तुकबंदी कर रहे हैं। ग़ज़ल के अंतिम श्लोक को मुक़त कहते हैं। सबसे अच्छी ग़ज़ल कविता को बैत-उल-ग़ज़ल या शाह ग़ज़ल कहा जाता है। ग़ज़लें बिना लाइन के लिखी जाती हैं। ऐसे गीतों को गैर-पर्यायवाची कहा जाता है।

उर्दू ग़ज़ल गायन की शुरुआत दक्कन में हुई। सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुब शाह उर्दू के पहले ग़ज़ल कवि हैं लेकिन वे एक जागरूक ग़ज़ल कवि हैं। जिन्होंने उर्दू ग़ज़ल को बुलंद किया। वली के आगमन के बाद दिल्ली में उर्दू ग़ज़ल विकसित करने वाले इस काल के अन्य कवियों में अब्रू, नाजी, यकरंग आदि शामिल हैं। बाद में, दिल्ली कविता के शुरुआती दिनों में, शाह हातिम ने भाषा के मुहावरों और शब्दों को ठीक करने पर ध्यान केंद्रित किया। आगे चलकर सोडा, दर्द, मीर ने इस शैली का पोषण किया। इस युग में गजल भाषा और अभिव्यक्ति, सादगी, स्वच्छता और आनंद के गुणों की कोई मिसाल नहीं है।

उन्नीसवीं शताब्दी की शुरुआत से शुरू होने वाली कविता का युग उर्दू ग़ज़ल के लिए विभिन्न तरीकों से क्रांति का युग है। इस काल में दिल्ली में मोमिन, ग़ालिब, ज़ौक़ ने इस शैली का विकास किया लखनऊ में वज़ीर, जरत, नस्ख आदि ने ग़ज़ल में एक नई शैली स्थापित की। उसके बाद, इकबाल, मजाज़ और फैज़ ने इस शैली की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव लाए।हसरत मोहानी, अजीज लखनवी, फानी बदौनी, जागर मुराद आबादी, असगर गोंडवी और फराक गोरखपुरी ने गज़ल को गंभीरता और पवित्रता के साथ उर्दू कविता की अमर शैली बना दिया, रोमांस और सच्चाई, लालित्य और विनम्रता नतीजतन, ग़ज़लों में आज जीवन की वास्तविकताएं, दार्शनिक बिंदु, साथ ही साथ राजनीतिक मुद्दे और देशभक्ति के विचार शामिल हैं।

©
खान मनजीत भावड़िया मजीद
गांव भावड तह गोहाना जिला सोनीपत हरियाणा
9671504409

Language: Hindi
Tag: लेख
776 Views

You may also like these posts

हमारी फीलिंग्स भी बिल्कुल
हमारी फीलिंग्स भी बिल्कुल
Sunil Maheshwari
दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना
दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना
sushil sarna
3069.*पूर्णिका*
3069.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
शेखर सिंह
अंत ना अनंत हैं
अंत ना अनंत हैं
TARAN VERMA
जिंदगी का हिसाब क्या होगा।
जिंदगी का हिसाब क्या होगा।
सत्य कुमार प्रेमी
#समझ_लें
#समझ_लें
*प्रणय*
गीत- मुबारक जन्मदिन तुमको...
गीत- मुबारक जन्मदिन तुमको...
आर.एस. 'प्रीतम'
ग़जल
ग़जल
Mangu singh
वहशीपन का शिकार होती मानवता
वहशीपन का शिकार होती मानवता
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
साल में
साल में
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मेरी बेटी मेरी अभिमान
मेरी बेटी मेरी अभिमान
Sudhir srivastava
जिनकी फरमाइशें पूरी करने में,
जिनकी फरमाइशें पूरी करने में,
श्याम सांवरा
देर लगेगी
देर लगेगी
भगवती पारीक 'मनु'
काश, मैं मोबाइल होता
काश, मैं मोबाइल होता
अरशद रसूल बदायूंनी
*रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )*
*रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
वक्त और दूरी
वक्त और दूरी
पूर्वार्थ
उम्दा हो चला है चाँद भी अब
उम्दा हो चला है चाँद भी अब
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Dear Younger Me
Dear Younger Me
Deep Shikha
"Battling Inner Demons"
Manisha Manjari
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है, क्रोध करुणा और जागरूकता का अनुप
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है, क्रोध करुणा और जागरूकता का अनुप
Ravikesh Jha
9. पहचान
9. पहचान
Lalni Bhardwaj
" पाबन्दी"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य को फांसी पर चढ़ाई गई
सत्य को फांसी पर चढ़ाई गई
manorath maharaj
श्रद्धा तर्क, तर्कबुद्धि तथा ईश्वर (Faith, Logic, Reason and
श्रद्धा तर्क, तर्कबुद्धि तथा ईश्वर (Faith, Logic, Reason and
Acharya Shilak Ram
तुझे किस बात ला गुमान है
तुझे किस बात ला गुमान है
भरत कुमार सोलंकी
नया इतिहास
नया इतिहास
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
तुतरु
तुतरु
Santosh kumar Miri
कौन दिल बहलाएगा?
कौन दिल बहलाएगा?
सुशील भारती
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...