क्यों छोड़ गए तन्हा
बात शिव की याद आएगी कभी
रूह तेरी भी पिघल जायेगी कभी
माना है नहीं आज तुझे कद्र मेरी
ये बेरुख़ी तेरी तुझे सताएगी कभी
क्या कमी लगी मेरे प्यार में तुम्हें
क्या मुझे तुम इतना बताओगे कभी
फिर न होंगे हम आसपास तेरे
जब तुझे भी याद मेरी आएगी कभी
छोड़कर चला जायेगा एक दिन
क्यों तुमने ये कहा नहीं कभी
कैसे जीयूंगा मैं तुम्हारे बिना अब
मैं तो तेरे बिन रहा नहीं कभी
दिखाकर ख़्वाब जन्नत के किसी को
कोई ऐसे भूल जाता नहीं कभी
वादा करके साथ निभाने का उम्रभर
कोई अपनों को रुलाता नहीं कभी
क्या सोचते हो तुम क्या नहीं
लेकिन याद मुझे करते नहीं कभी
जीये थे जो हमने मिलकर साथ जो पल
क्या उन्हें भी याद करते नहीं कभी
तुमने मेरे दिल का हाल जानने की
क्या दिल से कोशिश भी की कभी
भूलना तो फितरत है बेवफ़ाई की
क्या तुम्हें मेरी याद आई नहीं कभी
मासूम दिल को जब तोड़ जाता है कोई
दर्द उसका फिर जाता नहीं कभी
इंतज़ार करते रह जाते हैं जिसका
मिलन का पल वो फिर आता नहीं कभी।