कुत्सित मंतव्य
ये जो लोग देश के वीरों के शौर्य पर प्रश्न उठाते हैं।
सुरक्षा रत सैनिकों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा कर मातृभूमि का अपमान करते हैं।
ये अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए गिरकर भूल गए हैं वे भी इस देश के वासी हैं ।
देश के सम्मान एवं अस्तित्व की सुरक्षा उनका भी परम कर्तव्य है।
इसे भूल कर कर जो भी कृत्य वे कर रहे हैं वह निकृष्ट एवं निंदनीय है।
वे ये नहीं भूलें कि जनता यथार्थ को जानती है।
भेड़ की खाल में छुपे हुए भेड़ियों को पहचानती है।
वह दिन दूर नहीं जब उनके कुत्सित मंतव्यों का पर्दाफाश होगा।
जब देश का जन जन उनकी धज्जियां उड़ाएगा।
तब उन्हें सिर छुपाने की कोई जगह ना मिलेगी।
और देश प्रेमी जनता उन्हें उनके रचे षड्यंत्र की कठोर सजा देगी।