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19 Oct 2024 · 1 min read

“कहने को “

“कहने को ”
कहने को तो सब कवि हैं
चाहे मूक भले रह लें,
चेतन होकर अवचेतन बन
कितने ही गम सह लें।

2 Likes · 2 Comments · 20 Views
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