Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2024 · 1 min read

“एक-दूजे बिन”

“एक-दूजे बिन”

चाँद की है चांदनी, चांदनी का चाँद,
एक-दूजे बिन अधूरे सरहद मत लांघ।

1 Like · 1 Comment · 12 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
आश्रम
आश्रम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मेरे दिल ओ जां में समाते जाते
मेरे दिल ओ जां में समाते जाते
Monika Arora
2855.*पूर्णिका*
2855.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
S
S
*प्रणय प्रभात*
वज़ह सिर्फ तूम
वज़ह सिर्फ तूम
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चलो कुछ कहें
चलो कुछ कहें
Dr. Rajeev Jain
ध्यान क्या है, ध्यान क्यों करना चाहिए, और ध्यान के क्या क्या फायदा हो सकता है? - रविकेश झा
ध्यान क्या है, ध्यान क्यों करना चाहिए, और ध्यान के क्या क्या फायदा हो सकता है? - रविकेश झा
Ravikesh Jha
काफी ढूंढ रही थी में खुशियों को,
काफी ढूंढ रही थी में खुशियों को,
Kanchan Alok Malu
इंसान का कोई दोष नही जो भी दोष है उसकी सोच का है वो अपने मन
इंसान का कोई दोष नही जो भी दोष है उसकी सोच का है वो अपने मन
Rj Anand Prajapati
उसके बाद
उसके बाद
हिमांशु Kulshrestha
खुद से खुद को
खुद से खुद को
Dr fauzia Naseem shad
"पलते ढेरों अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
*कविताओं से यह मत पूछो*
*कविताओं से यह मत पूछो*
Dr. Priya Gupta
जवानी
जवानी
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
वेदना की संवेदना
वेदना की संवेदना
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
जग जननी है जीवनदायनी
जग जननी है जीवनदायनी
Buddha Prakash
बहू बनी बेटी
बहू बनी बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
Smriti Singh
"प्यासा"के गजल
Vijay kumar Pandey
​दग़ा भी उसने
​दग़ा भी उसने
Atul "Krishn"
दूर कहीं जब मीत पुकारे
दूर कहीं जब मीत पुकारे
Mahesh Tiwari 'Ayan'
जब एक लौ एक उम्मीद जला करती है,
जब एक लौ एक उम्मीद जला करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मईया रानी
मईया रानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मैंने कभी भी अपने आप को इस भ्रम में नहीं रखा कि मेरी अनुपस्थ
मैंने कभी भी अपने आप को इस भ्रम में नहीं रखा कि मेरी अनुपस्थ
पूर्वार्थ
आया उत्सव तीज का,मस्ती है चहुँ ओर
आया उत्सव तीज का,मस्ती है चहुँ ओर
Dr Archana Gupta
“मेरे जीवन साथी”
“मेरे जीवन साथी”
DrLakshman Jha Parimal
हाय गरीबी जुल्म न कर
हाय गरीबी जुल्म न कर
कृष्णकांत गुर्जर
अधखिली यह कली
अधखिली यह कली
gurudeenverma198
संसार
संसार
Dr. Shakreen Sageer
Loading...