“इसलिए जंग जरूरी है”
“इसलिए जंग जरूरी है”
वो सुनहरा भोर कब आएगा
जब मानव, मानव को न सताएगा
जोर जुल्म का नाश हो जाएगा
आहें भरना बन्द हो जाएगा
मगर अभी तो भावनाएँ खुरदूरी है,
इसलिए जंग जरूरी है।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
“इसलिए जंग जरूरी है”
वो सुनहरा भोर कब आएगा
जब मानव, मानव को न सताएगा
जोर जुल्म का नाश हो जाएगा
आहें भरना बन्द हो जाएगा
मगर अभी तो भावनाएँ खुरदूरी है,
इसलिए जंग जरूरी है।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति