Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2021 · 2 min read

आश्चर्य तो तब होता है जब….

आश्चर्य तो तब होता है जब….
“””””””””””””””””””””””””””””””””

आश्चर्य तो तब होता है जब….
लोग किसी अदने को पलकों पे बिठा लेते !
पर किसी ख़ास को ही नज़रों से गिरा देते !!

आश्चर्य तो तब होता है जब….
लोग सही-गलत की पहचान तक नहीं कर सकते !
और अहम प्रसंगों में भी अपने स्वार्थ को ही सदा ढूॅंढ़ते !!

आश्चर्य तो तब होता है जब….
लोग किसी अज्ञानी की बातों पर यूॅं ही मुग्ध हो जाते !
पर किसी ज्ञानी के अनमोल से बोल को ठुकरा जाते !!

आश्चर्य तो तब होता है जब….
लोग पानी में आग तो झट से लगा देते !
पर जंगल में लगी आग जल्द न बुझा पाते !!

आश्चर्य तो तब होता है जब….
लोग सब कुछ जानते हुए भी अनजान से बन जाते !
और कभी न जानते हुए भी उत्तर देने का प्रयास करते !!

आश्चर्य तो तब होता है जब….
लोग समाज में जब गलत तत्वों को बढ़ावा देते !
और सही तत्वों को ही झकझोर दिया करते !!

आश्चर्य तो तब होता है जब….
लोग गलत होने पर भी सही होने का स्वांग करते !
और जब सही होते तो खुद को ही छुपाया करते !!

आश्चर्य तो तब होता है जब….
लोग किसी अबला की इज्ज़त लूटते देख सकते !
पर खुद को कभी ख़रोंच तक नहीं पहुॅंचने देते !!

आश्चर्य तो तब होता है जब….
लोग अनैतिक गुणों को खुद पे ही हावी होने देते !
और धीरे-धीरे नैतिकता से खुद को दूर करते जाते !!

आश्चर्य तो तब होता है जब….
लोग देश की पवित्र “गंगा” को पवित्र रखने के बदले….
उसमें अनगिनत लाशों को बहाकर उसे अपवित्र करते !!

आश्चर्य तो तब होता है जब….
लोग कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा के बदले….
नाजायज पैसा ठग उनकी जान से खिलवाड़ करते !!

आश्चर्य तो तब होता है जब….
लोग देश के सैनिकों को उचित सम्मान देने के बदले….
चोर उचक्कों को ही अपने घर में संरक्षण हैं देते !!

आश्चर्य तो तब होता है जब….
लोग देश की सभ्यता-संस्कृति को बढ़ावा देने के बदले…
पाश्चात्य संस्कृति की तरफदारी में ही सदा लीन रहते !!

आश्चर्य तो तब होता है जब….
आजकल लोग त्याग, समर्पण व मेहनत के बदले….
शाॅर्टकट अपनाकर सफलता की कामना हैं करते !!

_ स्वरचित एवं मौलिक ।

© अजित कुमार कर्ण ।
__ किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : १३/०६/२०२१.
“””””””””””””””””””””””””””””
????????

Language: Hindi
10 Likes · 4 Comments · 714 Views

You may also like these posts

सपनों को सजाना क्या
सपनों को सजाना क्या
अमित कुमार
अर्थी चली कंगाल की
अर्थी चली कंगाल की
SATPAL CHAUHAN
"झूठ के मुँह"
Dr. Kishan tandon kranti
में ही हूं, मैं ही कहानी
में ही हूं, मैं ही कहानी
पूर्वार्थ
*सात जन्म के लिए तुम्हारा, मिला साथ आभार (गीत)*
*सात जन्म के लिए तुम्हारा, मिला साथ आभार (गीत)*
Ravi Prakash
बेहद मुख्तसर सी
बेहद मुख्तसर सी
हिमांशु Kulshrestha
2868.*पूर्णिका*
2868.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हाय अल्ला
हाय अल्ला
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कितना रोके मगर मुश्किल से निकल जाती है
कितना रोके मगर मुश्किल से निकल जाती है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
उसी वादी में
उसी वादी में
Kanchan Advaita
जिस काम से आत्मा की तुष्टी होती है,
जिस काम से आत्मा की तुष्टी होती है,
Neelam Sharma
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कवि रमेशराज
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
संवेदनाएं
संवेदनाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
साथ निभाना साथिया
साथ निभाना साथिया
Sudhir srivastava
मां🙇🥺❤️
मां🙇🥺❤️
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
■ देश भर के जनाक्रोश को शब्द देने का प्रयास।
■ देश भर के जनाक्रोश को शब्द देने का प्रयास।
*प्रणय*
गुज़ारिश है रब से,
गुज़ारिश है रब से,
Sunil Maheshwari
गरीब और बुलडोजर
गरीब और बुलडोजर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अक्सर लोग सोचते हैं,
अक्सर लोग सोचते हैं,
करन ''केसरा''
तुम आंखें बंद कर लेना....!
तुम आंखें बंद कर लेना....!
VEDANTA PATEL
मुस्कुराओ मगर इशारा नहीं करना
मुस्कुराओ मगर इशारा नहीं करना
Arjun Bhaskar
श्याम - सलोना
श्याम - सलोना
Dr.sima
है सियासत का असर या है जमाने का चलन।
है सियासत का असर या है जमाने का चलन।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ज़िंदगी तुझसे
ज़िंदगी तुझसे
Dr fauzia Naseem shad
Storm
Storm
Bindesh kumar jha
बहुत कष्ट है ज़िन्दगी में
बहुत कष्ट है ज़िन्दगी में
Santosh Shrivastava
दाता
दाता
Sanjay ' शून्य'
बारिश में संग मेरे भीग जाया करो
बारिश में संग मेरे भीग जाया करो
Jyoti Roshni
Loading...