माँ ज्ञान दे

माँ ज्ञान दे
माँ शारदे तू ज्ञान दे,
अनुराग भर सुर तान दे।
सीता शिवा तू राधिके,
माँ भारती तू साधिके।।
सुख दायिनी हे तारिणी,
ममता मयी दुख हारिणी।
मै भज रहा कब से तुझे,
क्यों दुख मिला अबतक मुझे।।
मैं मूढ़ हूँ अविवेक हूँ,
माँ ध्यान दो मैं नेक हूँ।
तू पास रह तू खास रह,
विश्वास है मन आस यह ।।
आकर मुझे अब तार दे,
मैं भक्त हूँ माँ शारदे।
देवी कृपा मुझ पर करो,
गम तम सभी आकर हरो।।
नरेंद्र 24.02.2025