आदरणीय अन्ना जी, बुरा न मानना जी
आदरणीय अन्ना जी, बुरा न मानना जी
आपने किया आंदोलन जी, पैदा हो गए कट्टर जी
अब वे ईमानदारी की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं
जनता की गाढ़ी कमाई, कट्टर ईमानदारी से चट कर रहे हैं
जेल में पांच सितारा होटलों सा सुख ले रहे हैं
मन चाहा छप्पन भोग और मसाज
कट्टर ईमानदार हैं मंत्री सत्येंद्र जैन महाराज
एक कट्टर ईमानदार ने, शराब नीति बनाई
एक पर एक फ़ी, खूब शराब पिलाई
जनता की भलाई से, खूब की कमाई
भावनाएं भड़काना, दंगे कराना
ऐन केन झूठ, फ़ी छाप संस्कृति से सत्ता तक जाना
करोड़ों रुपए विज्ञापन में, अपनी छबि बनाना
क्या बताऊं आपके आंदोलन से जन्मे ये ईमानदार बच्चे
भ़ष्टाचारी पीछे रह गए हैं अच्छे अच्छे
अब ये आपके ही बच्चे हैं न? आप इन्कार तो नहीं करेंगे न?
भले ही आप हराम के बच्चे कहें, हैं तो आपके?
इसलिए कहता हूं, आप आइए
इन्हें भी रालेगण सिद्धि ले जाइए
ये बच्चे समाज में गंदगी कर रहे हैं
राजनीति को और भी गन्दी कर रहे हैं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी