आज़ादी के परवाने
आज़ादी के परवानों ने
भारत के नवजवानों ने
दुश्मनों पे बवाल मचा दी
वतनपरस्ती की नई मिशाल बना दी ।
तुफान कहाँ रूकते हैं
सख्त चट्टान भी टुटते हैं
दुश्मनों पे गाज गिरा दी
वतनपरस्ती की नई मिशाल बना दी ।
हौसले उनके न हुए कभी पस्त
सही मायने में थे वतनपरस्त
दुश्मनों को ख़ाक की धूल चटा दी
वतनपरस्ती की नई मिशाल बना दी ।