Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2023 · 1 min read

धैर्य और साहस

धैर्य और साहस के सामने भयंकर संकट भी धूए के बादल की तरह अपने आप उड़ जाते हैं।

1 Like · 71 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
होली रो यो है त्यौहार
होली रो यो है त्यौहार
gurudeenverma198
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
Bodhisatva kastooriya
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
Praveen Sain
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
लम्हा-लम्हा
लम्हा-लम्हा
Surinder blackpen
निगाहें
निगाहें
Sunanda Chaudhary
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
कल तक जो थे हमारे, अब हो गए विचारे।
सत्य कुमार प्रेमी
2626.पूर्णिका
2626.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ऐसा क्यों होता है..?
ऐसा क्यों होता है..?
Dr Manju Saini
एक पल में जिंदगी तू क्या से क्या बना दिया।
एक पल में जिंदगी तू क्या से क्या बना दिया।
Phool gufran
*साथ निभाना साथिया*
*साथ निभाना साथिया*
Harminder Kaur
रिश्ता ख़ामोशियों का
रिश्ता ख़ामोशियों का
Dr fauzia Naseem shad
दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
बता तुम ही सांवरिया मेरे,
बता तुम ही सांवरिया मेरे,
Radha jha
जुगनू
जुगनू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा।
कुछ तो तुझ से मेरा राब्ता रहा होगा।
Ahtesham Ahmad
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
वीर रस की कविता (दुर्मिल सवैया)
वीर रस की कविता (दुर्मिल सवैया)
नाथ सोनांचली
तुम्हें तो फुर्सत मिलती ही नहीं है,
तुम्हें तो फुर्सत मिलती ही नहीं है,
Dr. Man Mohan Krishna
"अह शब्द है मजेदार"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
पूर्वार्थ
* बुढ़ापा आ गया वरना, कभी स्वर्णिम जवानी थी【मुक्तक】*
* बुढ़ापा आ गया वरना, कभी स्वर्णिम जवानी थी【मुक्तक】*
Ravi Prakash
* चली रे चली *
* चली रे चली *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
sushil sarna
'समय की सीख'
'समय की सीख'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
💐प्रेम कौतुक-413💐
💐प्रेम कौतुक-413💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Tum makhmal me palte ho ,
Tum makhmal me palte ho ,
Sakshi Tripathi
मनमोहिनी प्रकृति, क़ी गोद मे ज़ा ब़सा हैं।
मनमोहिनी प्रकृति, क़ी गोद मे ज़ा ब़सा हैं।
कार्तिक नितिन शर्मा
चाहता हे उसे सारा जहान
चाहता हे उसे सारा जहान
Swami Ganganiya
Loading...