Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2023 · 1 min read

* बुढ़ापा आ गया वरना, कभी स्वर्णिम जवानी थी【मुक्तक】*

* बुढ़ापा आ गया वरना, कभी स्वर्णिम जवानी थी【मुक्तक】*
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
बुढ़ापा आ गया वरना, कभी स्वर्णिम जवानी थी
सभी का दौर था हर एक राजा था या रानी थी
किसी से पूछ लो जब वृत्त जीवन का हुआ पूरा
सभी की बंद पलकों में, अधूरी कुछ कहानी थी
—————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा रामपुर (उ. प्र.)
मोबाइल 99976 15451

309 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
संपूर्ण कर्म प्रकृति के गुणों के द्वारा किये जाते हैं तथापि
Raju Gajbhiye
आसमां से आई
आसमां से आई
Punam Pande
फितरत
फितरत
Sidhartha Mishra
अपनी सोच का शब्द मत दो
अपनी सोच का शब्द मत दो
Mamta Singh Devaa
दान की महिमा
दान की महिमा
Dr. Mulla Adam Ali
बुद्ध बुद्धत्व कहलाते है।
बुद्ध बुद्धत्व कहलाते है।
Buddha Prakash
💐प्रेम कौतुक-387💐
💐प्रेम कौतुक-387💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बस नेक इंसान का नाम
बस नेक इंसान का नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चिट्ठी   तेरे   नाम   की, पढ़ लेना सरकार।
चिट्ठी तेरे नाम की, पढ़ लेना सरकार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जिंदगी में हर पल खुशियों की सौगात रहे।
जिंदगी में हर पल खुशियों की सौगात रहे।
Phool gufran
*हीरे को परखना है,*
*हीरे को परखना है,*
नेताम आर सी
//?
//?
*Author प्रणय प्रभात*
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
काव्य_दोष_(जिनको_दोहा_छंद_में_प्रमुखता_से_दूर_रखने_ का_ प्रयास_करना_चाहिए)*
Subhash Singhai
2261.
2261.
Dr.Khedu Bharti
सोच~
सोच~
दिनेश एल० "जैहिंद"
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
ruby kumari
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर.......
हर एक से छूटा है राहों में अक्सर.......
कवि दीपक बवेजा
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
Dr.Rashmi Mishra
स्वयं अपने चित्रकार बनो
स्वयं अपने चित्रकार बनो
Ritu Asooja
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
करना था यदि ऐसा तुम्हें मेरे संग में
gurudeenverma198
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
पूर्वार्थ
शायरी संग्रह नई पुरानी शायरियां विनीत सिंह शायर
शायरी संग्रह नई पुरानी शायरियां विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
" मैं तो लिखता जाऊँगा "
DrLakshman Jha Parimal
तोता और इंसान
तोता और इंसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
छुपाती मीडिया भी है बहुत सरकार की बातें
छुपाती मीडिया भी है बहुत सरकार की बातें
Dr Archana Gupta
।। परिधि में रहे......।।
।। परिधि में रहे......।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
सावन में तुम आओ पिया.............
सावन में तुम आओ पिया.............
Awadhesh Kumar Singh
गजब है सादगी उनकी
गजब है सादगी उनकी
sushil sarna
*रोने का प्रतिदिन करो, जीवन में अभ्यास【कुंडलिया】*
*रोने का प्रतिदिन करो, जीवन में अभ्यास【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
Loading...