Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2022 · 1 min read

आजकल कोहरा घना है।

आजकल कोहरा घना है
है कड़कती ठंड
हर निशा से हर दिवस तक
ओस कण के साथ
शीत का पाला घना है।
वो मिले थे
उस समय कोहरा घना था
कुछ कदम
हम साथ चलकर
मुस्कराकर
फिर मिलन के
गीत गाकर
एक दूसरे की शपथ खाकर
चल पड़े थे
ज़िन्दगी यूं ज़िन्दगी से
दूर होगी
कव पता था
उस समय भी
शीत का कोहरा घना था।
कंपकंपाती ठंड में
वो याद आये
याद आती
भूत की वो
स्मृतियां
चित्र सी मस्तिष्क
बसती
झलकियां
चौधरी की फूस झोपड़
आग की लपटे
वो सूखे पात
पेड़ों के
मुहल्ले के
सभी जन
तापते थे
सुलगती वो पोर
पत्तों की
इस समय भी
उस समय भी
शीत का कोहरा घना था।
आग बुझकर
राख बनकर
भूरी कुतिया
दौड़ आई
दर्जनों
नवजात पिल्ले
साथ लाई
रात्रि मे विश्राम
करते राख पर
गेह बनती पोर भी
हर रात में
इसलिए वो याद आई
इस समय भी
उस समय भी
शीत का कोहरा घना था।
रमेश त्रिवेदी
कवि एवं कहानीकार

Language: Hindi
291 Views

You may also like these posts

औरत औकात
औरत औकात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बददुआ देना मेरा काम नहीं है,
बददुआ देना मेरा काम नहीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मायने  लफ़्ज़  के  नहीं  कुछ भी ,
मायने लफ़्ज़ के नहीं कुछ भी ,
Dr fauzia Naseem shad
*ट्रस्टीशिप विचार: 1982 में प्रकाशित मेरी पुस्तक*
*ट्रस्टीशिप विचार: 1982 में प्रकाशित मेरी पुस्तक*
Ravi Prakash
आजादी /कृपाण घनाक्षरी
आजादी /कृपाण घनाक्षरी
Rajesh Kumar Kaurav
दीवार
दीवार
अखिलेश 'अखिल'
इंडिया में बस एक कोलकाता ही है। जोधपुर, उदयपुर, मुंबई, मणिपु
इंडिया में बस एक कोलकाता ही है। जोधपुर, उदयपुर, मुंबई, मणिपु
*प्रणय*
"एहसानों के बोझ में कुछ यूं दबी है ज़िंदगी
गुमनाम 'बाबा'
रिश्ते सभी सिमटते जा रहे है,
रिश्ते सभी सिमटते जा रहे है,
पूर्वार्थ
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....!
Deepak Baweja
लिखने जो बैठता हूँ
लिखने जो बैठता हूँ
हिमांशु Kulshrestha
दोहा पंचक. . . . . मेघ
दोहा पंचक. . . . . मेघ
sushil sarna
प्रेम और पुष्प, होता है सो होता है, जिस तरह पुष्प को जहां भी
प्रेम और पुष्प, होता है सो होता है, जिस तरह पुष्प को जहां भी
Sanjay ' शून्य'
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
21. Tale of An Eve
21. Tale of An Eve
Ahtesham Ahmad
अपना-अपना भाग्य
अपना-अपना भाग्य
Indu Singh
संघर्ष
संघर्ष
Ashwini sharma
चुगलखोरों और जासूसो की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
चुगलखोरों और जासूसो की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
Rj Anand Prajapati
3158.*पूर्णिका*
3158.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" अहसास "
Dr. Kishan tandon kranti
12. The Motherly Touch
12. The Motherly Touch
Santosh Khanna (world record holder)
मुखौटा!
मुखौटा!
कविता झा ‘गीत’
नैया फसी मैया है बीच भवर
नैया फसी मैया है बीच भवर
Basant Bhagawan Roy
प्रार्थना
प्रार्थना
Dr.Pratibha Prakash
- दुनिया की होड़ ने तोड़ दिए अच्छे अच्छों के जोड़ -
- दुनिया की होड़ ने तोड़ दिए अच्छे अच्छों के जोड़ -
bharat gehlot
55४ बां प़काश पर्व गुरु नानक देव जी का जन्म दिन
55४ बां प़काश पर्व गुरु नानक देव जी का जन्म दिन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अनाथों की आवश्यकताएं
अनाथों की आवश्यकताएं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
बस एक बार और………
बस एक बार और………
कवि दीपक बवेजा
आप हर पल हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे
आप हर पल हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे
Raju Gajbhiye
किसी भी बात की चिंता...
किसी भी बात की चिंता...
आकाश महेशपुरी
Loading...