Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2024 · 1 min read

अपना-अपना भाग्य

अपना-अपना भाग्य
बच्चे को जन्म मां देती है
भाग्य भगवान लिखता है
ऐसा क्यों?
भाग्य लिखने का अधिकार
मां को ही मिलना चाहिए था।

2 Comments · 23 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"खामोशी"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं अपना सबकुछ खोकर,
मैं अपना सबकुछ खोकर,
लक्ष्मी सिंह
जीवन सभी का मस्त है
जीवन सभी का मस्त है
Neeraj Agarwal
तेरे जाने के बाद ....
तेरे जाने के बाद ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
"Radiance of Purity"
Manisha Manjari
जीवन आसान नहीं है...
जीवन आसान नहीं है...
Ashish Morya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
केतकी का अंश
केतकी का अंश
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
द़ुआ कर
द़ुआ कर
Atul "Krishn"
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
जीवन के रूप (कविता संग्रह)
Pakhi Jain
"मैं तेरी शरण में आई हूँ"
Shashi kala vyas
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
सत्य कुमार प्रेमी
गुज़रते वक्त ने
गुज़रते वक्त ने
Dr fauzia Naseem shad
वादा
वादा
Bodhisatva kastooriya
ताल्लुक अगर हो तो रूह
ताल्लुक अगर हो तो रूह
Vishal babu (vishu)
मतलब छुट्टी का हुआ, समझो है रविवार( कुंडलिया )
मतलब छुट्टी का हुआ, समझो है रविवार( कुंडलिया )
Ravi Prakash
आई होली आई होली
आई होली आई होली
VINOD CHAUHAN
सपने..............
सपने..............
पूर्वार्थ
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
gurudeenverma198
2814. *पूर्णिका*
2814. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संन्यास के दो पक्ष हैं
संन्यास के दो पक्ष हैं
हिमांशु Kulshrestha
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
Shweta Soni
शस्त्र संधान
शस्त्र संधान
Ravi Shukla
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
मैं एक खिलौना हूं...
मैं एक खिलौना हूं...
Naushaba Suriya
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
कवि रमेशराज
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय प्रभात*
मनुष्य की पहचान अच्छी मिठी-मिठी बातों से नहीं , अच्छे कर्म स
मनुष्य की पहचान अच्छी मिठी-मिठी बातों से नहीं , अच्छे कर्म स
Raju Gajbhiye
Loading...