Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

मैं तुम्हें लिखता रहूंगा

क्षितिज हूं पर क्षिति पर हूं
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
गढ़ता रहूंगा शब्दों के मौन अभिविन्यास में ,
भाव की अभिव्यक्तियों में ,
सृजन की नव सृष्टियों में ,
उपवनों की खुशबूओं में,
कल्पना करता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा मैं तुम गढ़ता रहूंगा
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)

Language: Hindi
63 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
View all
You may also like:
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
Dr Archana Gupta
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
Ramswaroop Dinkar
जिंदगी जब जब हमें
जिंदगी जब जब हमें
ruby kumari
दोहा पंचक. . .
दोहा पंचक. . .
sushil sarna
बेटियाँ
बेटियाँ
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
रग रग में देशभक्ति
रग रग में देशभक्ति
भरत कुमार सोलंकी
जल सिंधु नहीं तुम शब्द सिंधु हो।
जल सिंधु नहीं तुम शब्द सिंधु हो।
कार्तिक नितिन शर्मा
सत्य शुरू से अंत तक
सत्य शुरू से अंत तक
विजय कुमार अग्रवाल
*
*"तुलसी मैया"*
Shashi kala vyas
इस जग में हैं हम सब साथी
इस जग में हैं हम सब साथी
Suryakant Dwivedi
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
shabina. Naaz
मन है एक बादल सा मित्र हैं हवाऐं
मन है एक बादल सा मित्र हैं हवाऐं
Bhargav Jha
"अवशेष"
Dr. Kishan tandon kranti
No one in this world can break your confidence or heart unle
No one in this world can break your confidence or heart unle
Sukoon
नेताजी का रक्तदान
नेताजी का रक्तदान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🙅शायद🙅
🙅शायद🙅
*Author प्रणय प्रभात*
कोई दरिया से गहरा है
कोई दरिया से गहरा है
कवि दीपक बवेजा
*आई वर्षा देखिए, कैसी है सुर-ताल* (कुंडलिया)
*आई वर्षा देखिए, कैसी है सुर-ताल* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*लफ्ज*
*लफ्ज*
Kumar Vikrant
पुस्तक
पुस्तक
जगदीश लववंशी
हरा नहीं रहता
हरा नहीं रहता
Dr fauzia Naseem shad
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चुनौती
चुनौती
Ragini Kumari
शायरी
शायरी
goutam shaw
23/211. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/211. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रिश्ते का अहसास
रिश्ते का अहसास
Paras Nath Jha
मिट गई गर फितरत मेरी, जीवन को तरस जाओगे।
मिट गई गर फितरत मेरी, जीवन को तरस जाओगे।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
उलझते रिश्तो में मत उलझिये
उलझते रिश्तो में मत उलझिये
Harminder Kaur
सकारात्मक पुष्टि
सकारात्मक पुष्टि
पूर्वार्थ
Loading...