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11 May 2024 · 1 min read

औरत औकात

अदा अंदाज़ जन्नत कि जीनत फूल सी नाज़ुक पांव जमीं पे अपसाना।।

जमाने का डोलता ईमान तेरे इशारे का खुदा मेहरबान करम अंजाम तेरा जलवा इशारा खुदाई शान दिल जज्बा शर्माना।।

जलवा तेरा इश्क इबादत कि राह नफरत कि दुनिया मे मोहब्बत का पैगाम हुस्न हद ऊंचाई जहां इंसानियत पैमाना।।

करम किस्मत दुनियां चाहत लाख तूफानों कि फानूस बुझते चिरागों कि आखिरी ख्वाहिश जन्नत यक़ी ईमान आशियाना।।

सोने जैसा रंग नही चांदी जैसे बाल नही हुस्न की मल्लिका नही खयालों की बेगम रानी जहां में माँ यशोदा मरियम आंचल शामियाना।।

किसी को मोहब्बत किसी को सोहरत किसी को दौलत फकीर की झोली में इबाबत इम्तेहान कि दौलत को जाना पहचाना।।

मुल्क सरहदों मजहब मतलब के नफरत में नही मिलती प्यार तेरा माँ कही है कही बहना।।

कोई नारी स्त्री महिला है कहता माँ बेटी बहन में देखता औरत औकात दुनियां कि भगवान खुदा ने जाना।।

Language: Hindi
27 Views
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Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
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