” अंधेरी रातें “
” अंधेरी रातें ”
रास्ते कहांँ दिखते हैं, अंंधेरी रातों में ।
जुगनू को भी लाइट जलाना पड़ता है ,
मंजिल तक जाने में।
……✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी
” अंधेरी रातें ”
रास्ते कहांँ दिखते हैं, अंंधेरी रातों में ।
जुगनू को भी लाइट जलाना पड़ता है ,
मंजिल तक जाने में।
……✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी