Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jan 2024 · 1 min read

शुभ को छोड़ लाभ पर

शुभ को छोड़ लाभ पर
है लोभ का ध्यान,
छल-छद्म ले उड़े अब
कामयाबियाँ तमाम।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति

4 Likes · 4 Comments · 189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

*क्यों ये दिल मानता नहीं है*
*क्यों ये दिल मानता नहीं है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"लिख सको तो"
Dr. Kishan tandon kranti
काफिला
काफिला
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जो लोग अपनी जिंदगी से संतुष्ट होते हैं वे सुकून भरी जिंदगी ज
जो लोग अपनी जिंदगी से संतुष्ट होते हैं वे सुकून भरी जिंदगी ज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रामपुर का किला : जिसके दरवाजे हमने कभी बंद होते नहीं देखे*
रामपुर का किला : जिसके दरवाजे हमने कभी बंद होते नहीं देखे*
Ravi Prakash
वक्त कितना भी बुरा हो,
वक्त कितना भी बुरा हो,
Dr. Man Mohan Krishna
एक लड़की की कहानी (पार्ट2)
एक लड़की की कहानी (पार्ट2)
MEENU SHARMA
ये वक्त
ये वक्त
meenu yadav
काश ! ! !
काश ! ! !
Shaily
इतवार यूं मनाएं
इतवार यूं मनाएं
अरशद रसूल बदायूंनी
हो सके तो मीठा बोलना
हो सके तो मीठा बोलना
Sonam Puneet Dubey
अधूरा मिलन
अधूरा मिलन
Er.Navaneet R Shandily
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
भावनाओं का प्रबल होता मधुर आधार।
surenderpal vaidya
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तेरी शरण में आया हूं
तेरी शरण में आया हूं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
बदलते परिवेश में रक्षाबंधन
बदलते परिवेश में रक्षाबंधन
Sudhir srivastava
श्वासों का होम
श्वासों का होम
श्रीकृष्ण शुक्ल
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
सरल स्वभाव मीठी वाणी
सरल स्वभाव मीठी वाणी
Ritu Asooja
#मंगलकामनाएं-
#मंगलकामनाएं-
*प्रणय*
मां का लाडला तो हर एक बेटा होता है, पर सासू मां का लाडला होन
मां का लाडला तो हर एक बेटा होता है, पर सासू मां का लाडला होन
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आत्मीयकरण-2 +रमेशराज
आत्मीयकरण-2 +रमेशराज
कवि रमेशराज
इंतज़ार मिल जाए
इंतज़ार मिल जाए
Dr fauzia Naseem shad
ध्वनि प्रतिध्वनि
ध्वनि प्रतिध्वनि
Juhi Grover
*चार भाई*
*चार भाई*
Dushyant Kumar
अमृत वचन
अमृत वचन
Dinesh Kumar Gangwar
नफरत थी तुम्हें हमसे
नफरत थी तुम्हें हमसे
Swami Ganganiya
हर एक चोट को दिल में संभाल रखा है ।
हर एक चोट को दिल में संभाल रखा है ।
Phool gufran
A Girl Child
A Girl Child
Deep Shikha
परिवार तक उनकी उपेक्षा करता है
परिवार तक उनकी उपेक्षा करता है
gurudeenverma198
Loading...