Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2024 · 1 min read

जल संरक्षण बहुमूल्य

जल का संरक्षण करना,
है नहींं कोई बड़ी बात,
घर – घर यदि ध्यान दे,
हर मानव पहचान ले ।

जल संरक्षण अपना दायित्व,
जन-जीवन है इसके आधीन,
बच्चा बूढ़ा नौजवान,
रखे सभी इसका ख्याल।

जल है कितना अनमोल,
पूछों उस पपीहा से मोल,
प्यास लगी हो जिसको गर्मी में,
बूँद–बूँद को तरसता है क्यों ?

जरूरत में भटकता क्यों ?
बाजारों में बिकता क्यों ?
सूखा खेतो में दिखता क्यों ?
जल के आभाव से कोई मरता क्यों ?

एक ही बात एक ही काट,
जल का समझो तुम मोल,
जल संरक्षण बहुमूल्य,
अमृत है, प्रकृति का जो जीवन स्रोत ।

रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश ,
मौदहा हमीरपुर।

1 Like · 61 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all
You may also like:
सच्चा प्यार
सच्चा प्यार
Mukesh Kumar Sonkar
एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया।
एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया।
ओसमणी साहू 'ओश'
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
शेखर सिंह
भूखे भेड़िये हैं वो,
भूखे भेड़िये हैं वो,
Maroof aalam
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
VINOD CHAUHAN
स्याह एक रात
स्याह एक रात
हिमांशु Kulshrestha
बँटवारे का दर्द
बँटवारे का दर्द
मनोज कर्ण
दोहे- चार क़दम
दोहे- चार क़दम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
विधा - गीत
विधा - गीत
Harminder Kaur
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
#सामयिक_आलेख
#सामयिक_आलेख
*Author प्रणय प्रभात*
एक दूसरे से बतियाएं
एक दूसरे से बतियाएं
surenderpal vaidya
*नन्ही सी गौरीया*
*नन्ही सी गौरीया*
Shashi kala vyas
ज्ञान -दीपक
ज्ञान -दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मेरी कलम
मेरी कलम
Shekhar Chandra Mitra
गज़ल सी रचना
गज़ल सी रचना
Kanchan Khanna
ये  दुनियाँ है  बाबुल का घर
ये दुनियाँ है बाबुल का घर
Sushmita Singh
सकारात्मक पुष्टि
सकारात्मक पुष्टि
पूर्वार्थ
शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा।
शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा।
Anil "Aadarsh"
बगिया* का पेड़ और भिखारिन बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
बगिया* का पेड़ और भिखारिन बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
*पाते जन्म-मरण सभी, स्वर्ग लोक के भोग (कुंडलिया)*
*पाते जन्म-मरण सभी, स्वर्ग लोक के भोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
Seema gupta,Alwar
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
Dr . Arun Kumar Shastri - ek abodh balak
Dr . Arun Kumar Shastri - ek abodh balak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रामलला
रामलला
Saraswati Bajpai
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जब ज़रूरत के
जब ज़रूरत के
Dr fauzia Naseem shad
शिकवा
शिकवा
अखिलेश 'अखिल'
Loading...