इंद्रधनुष
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बादल पर,
जब जब,
सूरज की,
रौशनी ,
आ जाती है,
एक सलोना ,इंद्रधनुष,
बना जाती है ।
मेरी आखों से,
बहते आंसू भी,
मेरे दिल मे,
बना देते हैं,
एक इन्द्रधनुष,
दुख के बाद,
सुख आता है,
जीवन,
फूल जैसा
खिल जाता है।
कभी कभी
मन बहुत
खुश होता है
लगता है,
परमात्मा,
तब साथ होता है।