Posts Tag: ग़ज़ल/गीतिका 15k posts List Grid Previous Page 5 Next Taj Mohammad 29 May 2024 · 1 min read हर जमीं का आसमां होता है। हर जमीं का आसमां होता है। परेशानी में क्यूं परेशां होता है।। दर्दे दिल्लगी है कैसे छुपाओगे। ये तो खुद ब खुद बयां होता है।। वो न थे नसीब में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 164 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read ये जिंदगी कभी खुशी कभी गम अजीब सी ये लगती है न जाने क्यूं ये जिंदगी एक पहेली सी लगती है | सब कुछ भी पाकर ख़ाव अधूरा सा रहता है मिले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 54 Share krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर 29 May 2024 · 1 min read बिन माली बाग नहीं खिलता #बिन माली बाग नहीं खिलता बिन माली बाग नहीं खिलता है। बिन माँ - बाप घर घर नहीं होता है।। माली दिन रात पौधे की देखभाल करता है । माँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · दोहा · लघु कथा 155 Share krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर 28 May 2024 · 1 min read राम कृष्ण हरि #राम कृष्ण हरि देते हरि हर दम_हारे हुए का साथ। राम कृष्ण हरि धरती पर विशाल बात। मै भी जमाने से हार गया_हरि थाम ले मेरा हाथ। रो रही आँखें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 118 Share krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर 28 May 2024 · 1 min read कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी #कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी ________कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी, ______धरती गगन मधुर तान जादू हुई । _______________कान्हा तेरे मुरली ने, _________लुटा चैन मेरी निंदिया उडाई। _________तब तक चैन ना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 104 Share Dinesh Kumar Gangwar 28 May 2024 · 1 min read कैसा फसाना है *** कैसा फसाना है *** ज़िन्दगी कैसा नगमा है ना किसी ने यह जाना है है कौन यहाँ किसका यह कोई ना जाना है। कुछ भी नही है अपना सबकुछ... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 3 91 Share भरत कुमार सोलंकी 28 May 2024 · 1 min read अंगड़ाई अंगडाई ये बेचैन मन को अपनी अनुभुति से आराम करने की सोगात रखती है। तरुणाई से घबराकर अपनी बुती से वो आलस्य पर ओकात रखती है गलती क्यों की जनाव... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 84 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read खत लो फिर किसी की बात किसी तक पहुंच गई यूं लगा कि किसी की आरजू पूरी हो गई | वो तो गुदगुदा गए मन ही मन अनंत कि उनकी निगाह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 51 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read रात नहीं कहता कोई किसी से हर बात नही कहता अपने दिल के हर जज़्बात नहीं कहता | कभी कुछ तो कभी कुछ छुपाता है दिन तो कहता है मगर रात नहीं कहता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 51 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read माँ ठिठुरती ठंड में निठुरती अंध में चूल्हे पर तवे चिमटे हाथ सिमटे... आग की लपटों से बचती, रोटियां सेंकती माँ | बरतनों का ढेर देर सबेर बच्चो का शोर क्रोध... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 79 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read इंतजार एक इंतजार अजीब सा है ये इकरार अजीब सा है मुझे मेरे मन को एतबार अजीब सा है इंतजार कि खुशी चली आएगी गमों की धूप ये ढली चली आएगी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 75 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read प्यार एक मीठा अहसास है प्यार एक मीठा अहसास है जीवन की प्यास है कृष्ण की बंसी है प्यार राधा की आस है | प्यार एक मीठा अहसास है जीवन की आस हैं | मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 88 Share भरत कुमार सोलंकी 27 May 2024 · 1 min read भावो को पिरोता हु भावों को पिरोता हूं मेरे हिसाब की डायरी शब्दो का जुगाड नही मैने लिखी थी शायरी भावो का जुगाड़ नहीं महसूस करता मैं उसे शब्दों में पिरोता हूँ कर महसुस... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 100 Share भरत कुमार सोलंकी 27 May 2024 · 1 min read नारी शक्ति नारी शक्ति जन्म संसार को उसने दिया। मां का स्थान उसे सबने दिया । सहन शीलता की बन वो मुरत ताप तपोमय से तनी तो सुरत । संसार इसकी निष्पक्षता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 137 Share भरत कुमार सोलंकी 27 May 2024 · 1 min read नारी शक्ति नारी शक्ति जन्म संसार को उसने दिया। मां का स्थान उसे सबने दिया । सहन शीलता की बन वो मुरत ताप तपोमय से तनी तो सुरत । संसार इसकी निष्पक्षता... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 110 Share Mangilal 713 27 May 2024 · 1 min read कृष्ण की राधा बावरी कृष्ण की राधा बावरी, मुझे मिला दे श्याम । ढुंढ रही मैरी नैनन री, कहां मिलेंगे घनश्याम ।। वो मुरलीधर चीत चोर री, हिय बसे मेरे श्याम । कहां दिखेंगे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कृष्ण वंदना · ग़ज़ल/गीतिका · राधा कृष्ण भजन 6 167 Share Neeraj Mishra " नीर " 27 May 2024 · 1 min read कहर कुदरत का जारी है गर्म हवाओं का कहते है कहर चल रहा है लुटेरे बन यहाँ लुटे गए जंगल ,कहर कुदरत का जारी है काँटे पेड़ यहाँ बनाए आशियान-ए-जहा तूने जल रहे है आशियान-ए-जहा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · संस्मरण 81 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read ऐसी तो कोई जिद न थी मुझको ऐसी उम्मीद न थी ऐसी तो कोई जिद न थी | थी एक छोटी सी गुदगुदी भी तुम्हे हंसाने की कोशिश भी मेरे मन में कोई खोट न थी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 73 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read चेहरा चेहरा.. न जाने कब..कैसे ... अपनी मोहक छवि का परिचय देता कितनी ही आंखों का आकर्षण बन जाता है न जाने कब कैसे .. उन अपरिचित....अनभिज्ञ सी आंखों की पहली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · दोहा 2 68 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 26 May 2024 · 1 min read आँखों में अँधियारा छाया... आँखों में अँधियारा छाया, मन पर घोर कुहासा है। दुख को क्या कहना अब सबसे, दुख तो बारह मासा है। कौन हितैषी यहाँ हमारा, किससे कुछ उम्मीद करें ? भाग्य... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 120 Share Taj Mohammad 26 May 2024 · 1 min read मरने के बाद। ज़िंदा में ना समझें आज मैय्यत पर आके रो रहे हो। मरने के बाद मैं कैसे अच्छा हो गया जो कह रहें हो।। तुम्हारा हर अश्क जो नजरो से तुम्हारी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 86 Share Sumangal Singh Sikarwar 25 May 2024 · 1 min read आइना हूं कभी लवों को तो कभी मुस्कुराहट बयान करता हूं, कभी जुल्फों को तो कभी नैन नक्श बयां करता हूं| कभी हंस देता हूं उनकी हंसी को देखकर कभी उनके खूबसूरत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · हिंदी कविता 1 85 Share Dipak Kumar "Girja" 25 May 2024 · 1 min read पछतावा दिल जाने का करे ना तो फिर लौट आइए ठुकरा के यूं मोहब्बत ना दूर जाइए जाना भी क्या जरूरी है,यूं छोड़ के तुम्हें मुड़ मुड़ के आंखों से ना... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 87 Share Taj Mohammad 24 May 2024 · 1 min read कुछ परिंदें। कुछ परिंदें आपस में चह चहा रहें हैं। शायद वो इंसानों के बारें में बतला रहें हैं।। बड़ी मुश्किल से मिला है इक शजर उन्हें। जिस पर वो अपना आशियां... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 105 Share Taj Mohammad 24 May 2024 · 1 min read फूल अब शबनम चाहते है। जख्मों का मरहम चाहते है। तुमसा इक हमदम चाहते है।। बहुत जी लिए यूं कफस में। परिन्दे खुला अंबर चाहते है।। प्यासे आब से बड़े परेशां हैं। सेहरा में समन्दर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 111 Share Taj Mohammad 24 May 2024 · 1 min read उम्मीद का दामन। उम्मीद का दामन थामे थामे तमाम उम्र काट दी। पर जिंदगी की दुश्वारियां है कि जाती ही नहीं है।। हम अपने जख्मों को किसी को दिखाते नही है। पर ये... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 97 Share भरत कुमार सोलंकी 23 May 2024 · 2 min read किस बात का गुमान है किस बात का गुमान है। हां! तुम्हे किस बात का गुमान है। क्या बोलने खातिर तेरे मुंह में जुवान है ! तेरी तरह हमने अपनी किताबों का हिसाब नहीं लगाया... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 97 Share भरत कुमार सोलंकी 23 May 2024 · 2 min read तुझे किस बात ला गुमान है किस बात का गुमान है। हां! तुम्हे किस बात का गुमान है। क्या बोलने खातिर तेरे मुंह में जुवान है ! तेरी तरह हमने अपनी किताबों का हिसाब नहीं लगाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 90 Share Taj Mohammad 23 May 2024 · 1 min read हमारा दिल। हमारा दिल हमारा साथ देता नही है। समझाया बहुत पर उनसे नफरत करता नही है।। पहले तो इसने सीने में अरमां जगायें। पर अब ये ज़ालिम उनको ही पूरा करता... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 102 Share Dipak Kumar "Girja" 22 May 2024 · 1 min read दिल की आवाज़ वही दिल है लेकिन जवानी नहीं वो दिल धड़कता है लेकिन रवानी नहीं वो उसकी यादें तो दिल में अभी भी है जिंदा मै दीवाना हूं लेकिन दीवानी नहीं वो... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 84 Share Taj Mohammad 22 May 2024 · 1 min read हर गम दिल में समा गया है। हर गम दिल में समा गया है। जबसे वो कहकर बेवफा गया है।। यूं हमने भी ना रोका उसको। अकीदा करके दिल मेरा टूटा है।। झूठी हैं उसकी सब ही... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 95 Share Taj Mohammad 22 May 2024 · 1 min read नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है। तूफानों ने मेरा रास्ता रोका तो बहुत। पर कश्ती मेरी मकसूद ए साहिल को पा गई है।। क़िस्मत,मुकद्दर इत्तेफ़ाक है जीने में। मेहनत से हर जिन्दगी अपना मकाम पा गई... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 79 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read सब कुछ मिले संभव नहीं समेटो जितना भी,कोई हिस्सा छूट जाता है यादों के सफ़र में, कोई क़िस्सा छूट जाता है बड़ी हसरतों से, ये घर बनाये जाते हैं बसते बसाते, कोई कौना छूट जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कौना सिमैटना राजीव अधूरा · ग़ज़ल/गीतिका 79 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read छिपे दुश्मन आइने के पीछे , छिपे हुए साये कुछ हैं मेरे बारे में रहते बतलाते इंसान कुछ हैं सब इनको पता है मेरे दिमाग़ का खोज ही लिया है ठिकाना, मकान... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका · दहशत जासूस तिलिस्म जाल 68 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read बदलाव बारिश इस बार बरसती है खार सी तल्ख़ी इसकी भी बड़ गई इंसान सी हम भी नहाते थे तो तुम भी नहाए पानी में तब ख़लिश न थी इस बार... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका · तिजारत ईमान राजीव व्यापार 74 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी का फ़लसफ़ा वक़्त आया तो मोहलत न मिल पानी है जो गुज़रता जा रहा है वक़्त बेमानी है शहंशाह ग़रीब सबको एक राह जानी है माटी से बनी तेरी हस्ती माटी बन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 88 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read आशियाना मेरे वीरान जीवन में उजाला बनके आये थे कभी वो दिन भी थे दिल में बस तुम ही समाये थे मगर सब ख्वाब टूटे और चकनाचूर हो बैठे जो मिलके... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 100 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read दीदार यादो के सहारे जीवन मेरा पल पल बीता जाये तेरे दीद को तरसे अखियाँ मेरी पर तुम ना कभी फिर आये मेरी खता थी क्या मुझे पता नहीं तुम आके... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 87 Share Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya" 21 May 2024 · 1 min read नशा त्याग दो बीड़ी बंडल पुडिया सिगरेट, छोड़ो मेरे भाई. रहो निरोगी बीमारी से, न घर में होये लड़ाई.. सुरा सुंदरी मदिरा लोभ, दरिद्रता के द्वार. भूखे नंगे लड़का घूमत, ऐसे जीवन को... Hindi · कविता · कहानी · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा 125 Share Dr. Akhilesh Baghel "Akhil" 21 May 2024 · 1 min read शक यारो हमें तो, शक पर ही शक हो गया । हकीकत की तहकीकात पर, शक हो गया । करते थे जिससे शिकायत, शक का वही आधार हो गया । करते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 88 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read अधूरा इश्क़ आज मुझे वो याद आयी आँख मेरी फिर भर आई मुझे लगा के उसने छुआ पर यादो की थी परछाई आज मुझे.... एक मुद्दत बीत गया उसको जब उसने मुझको... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 86 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read जुदाई होंठो पे लिए मुस्कान तुम्हारा दर्द छुपाये बैठा हूँ आश भले झूठी हो पर मै आश लगाए बैठा हूँ होंठो पे लिए--------- कोई हाल जो मेरा पूछे तो हाल बताता... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 97 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read बेवफ़ाई दो चार क़दम चलते है यहाँ, फिर राहों में खो जाते है कहते हैं हम अपना जिसको, अक्सर वो दगा दे जाते है दो चार क़दम चलते यहाँ———————– हम जिसके... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 113 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read फिकर भुला दिया है जो तूने तो कुछ मलाल नहीं कई दिनों से मुझे भी, तेरा ख़याल नहीं भुला दिया है जो तूने ———— तेरी थी मर्ज़ी, कोई बात कोई ज़िक्र... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 103 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read अफ़सोस रहता था बेचैन बहुत कई रातो को मै न सोया था तेरी शादी की उस रात को मै छुप छुप के बहुत ही रोया था रहता था बेचैन बहुत ----... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 90 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read दिल का दर्द वो मंज़र कैसा होगा जब हाँथ मेरा वो छोड़ेंगे वर्षो के नाते पल भर में जब वो मुझसे तोड़ेंगे वो मंज़र कैसा होगा ——— सपनो को संजोये जीवनभर उम्मीद लगाए... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 94 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read तन्हायी तुम्हें जब कभी हम दिखायी ना दे तो समझ लेना किस्सा ख़तम हो गया है कभी जब गली तेरी सूनी लगे तो समझ लेना सूना चमन हो गया है कभी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 88 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read आख़िरी ख़्वाहिश चले आओ मेरे हमदम अभी तो आस बाक़ी है करो न देर थोड़ा भी की बस कुछ साँस बाक़ी है चले आओ मेरे ---- गुज़रते वक्त के संग में गुज़र... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 52 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read यादें अस्को के बहते धारे कहते है ज़ख्म सारे ग़म ए दरिया सामने है दिखते नहीं किनारे अश्को के बहते ... सब कुछ लुटा हमारा आँखों के सामने आगे न आया... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 89 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read कसक जिस पल तुम मुझसे बिछड़ोगी वह छण अंतिम मेरा होगा कोई और जगह मै क्यों खोजू बस कब्र ही घर मेरा होगा जिस पल तुम----- मेरी आस की डोर बंधी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 88 Share Previous Page 5 Next