Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है।

तूफानों ने मेरा रास्ता रोका तो बहुत।
पर कश्ती मेरी मकसूद ए साहिल को पा गई है।।

क़िस्मत,मुकद्दर इत्तेफ़ाक है जीने में।
मेहनत से हर जिन्दगी अपना मकाम पा गई है।।

नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है उसका।
अपने हुस्ने सबाब से वो महफिल में छा गई है।।

बेरूखे से थे हम अपनी जिन्दगी में।
उसकी ज़िद हमको भी मोहब्ब्त सीखा गई है।।

रूहे मोहब्बत हमको भी हो गई थीं।
पर उस की बेवफाई हम को पत्थर बना गई है।।

बरबाद करने को मोहब्बत जगा दो।
कोई भी जिन्दगी इस में ना शिफा पा सकी है।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

28 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all
You may also like:
पथ प्रदर्शक पिता
पथ प्रदर्शक पिता
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
वो मुझे
वो मुझे "चिराग़" की ख़ैरात" दे रहा है
Dr Tabassum Jahan
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हुआ पिया का आगमन
हुआ पिया का आगमन
लक्ष्मी सिंह
कातिल
कातिल
Dr. Kishan tandon kranti
समय
समय
Swami Ganganiya
कहाॅ॑ है नूर
कहाॅ॑ है नूर
VINOD CHAUHAN
3508.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3508.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
Perfection, a word which cannot be described within the boun
Perfection, a word which cannot be described within the boun
Sukoon
*सावन झूला मेघ पर ,नारी का अधिकार (कुंडलिया)*
*सावन झूला मेघ पर ,नारी का अधिकार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
सुबह की चाय हम सभी पीते हैं
Neeraj Agarwal
आग और धुआं
आग और धुआं
Ritu Asooja
तारे दिन में भी चमकते है।
तारे दिन में भी चमकते है।
Rj Anand Prajapati
" चुस्की चाय की संग बारिश की फुहार
Dr Meenu Poonia
*कोई भी ना सुखी*
*कोई भी ना सुखी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
डॉ अरुण कुमार शास्त्री / drarunkumarshastri
डॉ अरुण कुमार शास्त्री / drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बापू तेरे देश में...!!
बापू तेरे देश में...!!
Kanchan Khanna
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
चन्द्रमा
चन्द्रमा
Dinesh Kumar Gangwar
राष्ट्र निर्माता गुरु
राष्ट्र निर्माता गुरु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
* जब लक्ष्य पर *
* जब लक्ष्य पर *
surenderpal vaidya
माँ तेरे चरणों
माँ तेरे चरणों
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
🙏 अज्ञानी की कलम🙏
🙏 अज्ञानी की कलम🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था
ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था
अनिल कुमार
कितनी बार शर्मिंदा हुआ जाए,
कितनी बार शर्मिंदा हुआ जाए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
अपने-अपने संस्कार
अपने-अपने संस्कार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
लाख़ ज़ख्म हो दिल में,
लाख़ ज़ख्म हो दिल में,
पूर्वार्थ
🙅भविष्यवाणी🙅
🙅भविष्यवाणी🙅
*प्रणय प्रभात*
जबकि ख़ाली हाथ जाना है सभी को एक दिन,
जबकि ख़ाली हाथ जाना है सभी को एक दिन,
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
आज इस सूने हृदय में....
आज इस सूने हृदय में....
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...