Posts Tag: ग़ज़ल/गीतिका 15k posts List Grid Previous Page 4 Next अरशद रसूल बदायूंनी 7 Jul 2024 · 1 min read कैसे ज़मीं की बात करें जब हुक्म मानते ही नहीं है वहां के हम कैसे ज़मीं की बात करें आसमां से हम गुजरे हैं रोज एक नए इम्तिहां से हम अब दूर जा रहे हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 130 Share अरशद रसूल बदायूंनी 3 Jul 2024 · 1 min read कोहराम मचा सकते हैं कैसे आवाज हमारी वह दबा सकते हैं हम अगर चाहें तो कोहराम मचा सकते हैं मांगकर पैर वह कद अपना बढ़ा सकते हैं क्या कहीं ऐसे कोई दौड़ लगा सकते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 137 Share Kavita Chouhan 30 Jun 2024 · 1 min read **नेकी की राह पर तू चल सदा** नेकी की राह पर चल सदा जीवन ये तो बहुत अल्प सा सत्कर्म संग कर्तव्य निभा नेकी कर के तू पुण्य कमा मानवता धर्म ही सबसे बड़ा करना कदर इसकी... Hindi · Sahitypidiya · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 130 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 30 Jun 2024 · 1 min read बचा लो जरा -गजल लुटी हुई तकदीरों को बचा लो जरा , इन हाथों की लकीरों को बचा लो ज़रा। मैं गुजर रहा हूँ मुद्दत से इस कशमकश में, में खो न जाऊ भीड़... Hindi · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 1 61 Share Ashok deep 29 Jun 2024 · 1 min read बात चली है गीतिका जाने कैसी बात चली है । सहमी-सहमी बाग़ कली है । जिन्दा होती तो आजाती, सायद बुलबुल आग जली है । दुख का सूरज पीढ़ा तोड़े, सुख की मीठी... Hindi · Best Hindi · Best Hindi Poetry · Samajik Kavita · Social Poetry · ग़ज़ल/गीतिका 1 64 Share Kalamkash 27 Jun 2024 · 1 min read तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ, तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ, बहतर है की हाल को बेहाल छोड़ा जाए, जो गर उसूल-परस्ती बढ़ जाए सब हदों से, बहतर होगा की सब उसूलों को... Hindi · Shayar · Urdu Poetry · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 98 Share सत्य कुमार प्रेमी 26 Jun 2024 · 1 min read जनहित में अगर उसका, कुछ काम नहीं होता। गज़ल 221/1222/221/1222 जनहित में अगर उसका, कुछ काम नहीं होता। दुनियां की नज़र में वो, श्री राम नहीं होता। बनता न सिकंदर तो, बदनाम नहीं होता, ये हार न होती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 66 Share सत्य कुमार प्रेमी 26 Jun 2024 · 1 min read हे परमपिता मिले हमसफ़र जो हर इक सफ़र में भी साथ दे। गज़ल 11212/11212/11212/11212 हे परमपिता मिले हमसफ़र जो हर इक सफ़र में भी साथ दे। मेरा दोस्त बन के जो आए वो, मेरी रहगुज़र में भी साथ दे। तेरी जिंदगी इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 65 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 24 Jun 2024 · 1 min read "पनघट की गोरी" कुछ उनीँदी, केश कुछ बिखरे हुए, आज पनघट पर, अचानक आ गई। विहग, चटखारे, सुबह से ले रहे, चाल, हिरनी सी, कहाँ से पा गई।। अप्रतिम आभा, कपोलों की थी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 113 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 24 Jun 2024 · 1 min read पहली बारिश मेरे शहर की- राहत तीखी धुप से ,राहत सूखे नल और कूप से ! तृप्त तपते रास्ते, सजल सूखी कलियाँ , भीगी धुल से धूसरित शहर की गलियां । आकाश में चुनरिया ओढ़े... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 72 Share Taj Mohammad 23 Jun 2024 · 1 min read वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं। वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं। हरपल बस मुहब्बत की बातें थीं।। रोनें को न भूली बिसरी यादें थीं। बस तुमसे हर रोज मुलाकातें थीं।। दिल में तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 86 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 23 Jun 2024 · 1 min read हिन्दी ग़ज़ल " जुस्तजू" हिन्दी ग़ज़ल " जुस्तजू" कोई मन्दिर, कोई मस्जिद में, हर पहर आया, बन्दगी का मगर,फिर भी न कुछ,असर आया l हूँ मैं, बेज़ारे-तगाफुल, भले ही, मुद्दत से, उसका इल्ज़ाम हरेक,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 5 105 Share डी. के. निवातिया 21 Jun 2024 · 1 min read आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है दिन दिनांक : शुक्रवार, २१ जून-२०२४ विद्या : ग़ज़ल बह्र : बहरे मुतकारिब मुसमन सालिम अरकान :फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन मात्रा भार : 122 122 122 122 उन्वान : आँखों... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 102 Share Tariq Azeem Tanha 20 Jun 2024 · 1 min read मुहब्बत नहीं है आज शराफ़त से कह रहा हूँ शराफ़त नहीं है आज, पहली सी दो दिलों में मुहब्बत नहीं है आज। बाक़ी तो है दैर ओ हरम वही तो सज़दा है, मोमिन की... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 90 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 19 Jun 2024 · 1 min read यार नहीं -गजल **ग़ज़ल** कभी गुलजार रहे , चमन में बहार नहीं, खैरियत पूछने वाला, शहर में यार नहीं। यु तो शानो शौकत की सजी हुई महफिलें , कोई दिल से मिले ,... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 86 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 17 Jun 2024 · 1 min read दिल के फ़साने -ग़ज़ल अब वो दिल का फ़साना नहीं रहा, इश्क़ करने का जमाना नहीं रहा। वो मोहब्बत की दीवानगी का आलम , दिल में अब किसी का ठिकाना नहीं रहा। जो कभी... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 75 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 16 Jun 2024 · 1 min read **ग़ज़ल: पापा के नाम** ज़िन्दगी में खुशियों की लड़ी , हैं पापा अनमोल उपहारों की झड़ी , हैं पापा धरती सा धीरज, आसमां सी महक, जमीनी हकीकत की कड़ी , हैं पापा जब भी... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 90 Share Taj Mohammad 15 Jun 2024 · 1 min read एक पल को न सुकून है दिल को। मिलाकर नज़रें कमाल कर गए हो। क्या बताएं तुम मेरा कैसा हाल कर गए हो।। एक पल को न सुकून है दिल को। मेरे अन्दर तुम अपना यूं ख्याल भर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 104 Share अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य ) 15 Jun 2024 · 1 min read नेता जी "गीतिका" विधा -गीतिका रस -व्यंग शीर्षक - #नेता जी # चोरी करके शर्म करें ना, करते खूब कमाई भी।। सच्चे नेता जी कहलाते, करते जोर ढिठाई भी।(१) तोल-मोल के शब्द नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 71 Share अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य ) 15 Jun 2024 · 1 min read कान्हा को समर्पित गीतिका "मोर पखा सर पर सजे" मोर पखा सर पर सजे,मुख मंडल है लाल। सबको आकर्षित करें, कृष्ण, यशोदा-लाल।।१ दिव्य सुशोभित गात है,गल बैज्यंती माल। मनमोहक सुंदर छटा,अद्भुत उनकी चाल।।२ मकराकृत कुण्डल पहन, शोभित हैं यदु... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 80 Share अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य ) 15 Jun 2024 · 1 min read नहीं कोई धरम उनका मापनी-१२२२ १२२२ १२२२ १२२२ नहीं कोई धरम उनका ,नई गंगा बहाते हैं। महज इक काम है उनका ,सदा पब्लिक रिझाते हैं।।१ नजर उनकी है' वोटर पर, रखे ज्यों मीन पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 91 Share अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य ) 15 Jun 2024 · 1 min read स्वयं को संत कहते हैं,किया धन खूब संचित है। बने रहबर वो' दुनिया के स्वयं को संत कहते हैं,किया धन खूब संचित है। बने रहबर वो' दुनिया के, किया बस नाम अर्जित है। १ करें वादे नये नित ही, लुभाते आम जनता को, चुनावों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 63 Share अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य ) 15 Jun 2024 · 1 min read आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती। विधा -गीतिका छंद -गीतिका मापनी -२१२२ २१२२ २१२२ २१२ आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती। चाक के दो पाट में भी, यह फॅसी है दोस्ती।।१ कर्ण दुर्योधन बने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 92 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 15 Jun 2024 · 1 min read नहीं मैं -गजल ग़ज़ल: गीत कोई नया गाता नहीं मैं। शेर कोई नया सुनाता नहीं मैं ! होंठों पे खामोशी की जमी हुई पर्त, बिना मतलब के हटाता नहीं में | दिल धड़कता... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 107 Share Taj Mohammad 14 Jun 2024 · 1 min read कितना दर्द सिमट कर। चिता की अग्नि ने तुम्हें जब जलाया होगा, कितना दर्द सिमट कर तुम्हारे हिस्से यूँ आया होगा।। आह तो निकली होगी तुम्हारे मुँह से दर्द की, पर तुमने उठकर ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 113 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 12 Jun 2024 · 1 min read जीवन की रंगीनियत जीवन की रंगीनियत बदल ना जाए , ये हसीं शाम कहीं ढल ना जाए | मयखाने से निकले बहके हुए कदम, दुनिया के रस्मो रिवाज में संभल न जाए |... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 95 Share भरत कुमार सोलंकी 10 Jun 2024 · 1 min read प्रेम।की दुनिया नमन मंच विस्य प्रेम प्रतीक्षा दिनांक १०:६:२०२४ प्यास गले की. नजर भले की देख वो श्रृंगार बनी मेरे गले की मिलना तो चाहती है। पर भुलना भी चाहती है। मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 105 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 10 Jun 2024 · 1 min read जज्बात की बात -गजल रचना जज्बातों का सिलसिला कुछ इस कदर चला है , तेरे मेरे दरमियाँ बहार ए गुलिश्ता खिला है। मुलाकातों की वो महफिल सज गई जब, चाँदनी रात में मुलाक़ातों का सिलसिला... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 84 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 9 Jun 2024 · 1 min read ख़्वाहिशें " ख़्वाहिशें " भूलाने की बेइंतहा कोशिशें हुई हैं । खिलाफ़ मिरे कई साज़िशें हुई हैं ।। बहुत रोया जब याद में दिल उनकी । मुझको सताने मुसलसल बारिशें हुई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 103 Share Atul "Krishn" 9 Jun 2024 · 1 min read चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू हर रोज की तरह ही सुबह - सुबह चाय के प्याले के साथ तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू झरोखों से देखा है हमने कभी बर्फ से... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 86 Share भरत कुमार सोलंकी 6 Jun 2024 · 1 min read मेरी भी सुनो . नमन मंच साहित्य पीडिया विषय मेरी भी सुनो दिनांक. ६:६:२०२४ बचपन से जवानी तक बन निकम्मा अपनो की नजर में आज कमल हुआ। खेलने-कुदने की उम्र में खिलौना छुड़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 68 Share Taj Mohammad 3 Jun 2024 · 1 min read बेटियां। ईश्वर का वरदान होती है बेटियां। ह्रदय फट जाता है जब रोती है बेटियां।। क्यूं आजादी से ना रहती है बेटियां। कठपुतली बनकर क्यूं जीती है बेटियां।। जन्म से घरों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 108 Share डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD 3 Jun 2024 · 1 min read गजल बहुत रंगीन दुनिया है,बहुत रंगीं नजा़रे हैं। मगर बुझने न पाएगी दिलों में जो शरारे हैं। तमन्ना है मेरे दिल में उसे हम कह ना पाएंगे। समझना तुम अगर चाहो... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 139 Share डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD 3 Jun 2024 · 1 min read महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️ महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️ गैरत मंदी में बहुत लोग नही कहते हैं। ज़रुरत मंदों को नही मिलता... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 111 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read सरस्वती वंदना नमस्तुभ्यं वीणावादिनी, पुस्तकधारिणी, मां तू धवलवर्णा, तू सर्वसौभाग्यप्रदायिनी। पद्मासिनी तू देवी, सद्गुण वैभव शालिनी, तू चंद्रवदनी, तू अज्ञान तिमिर नाशिनी। देवो सदा वन्दिता, देवी तू शुभकारिणी, मां त्वां अभयदायिनी, बुद्धि... Poetry Writing Challenge-3 · Devotional Poem · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 105 Share भरत कुमार सोलंकी 31 May 2024 · 1 min read खुद को पागल मान रहा हु "खुद को पागल' मान रहा हूँ वक्त की बहती धार में आज खुद को सम्भाल रहा हूँ जिन्दगी के निसार में आज तड़पकर खुद को उबाल रहा हूँ, पागलपन के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 92 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read सियासी वक़्त ज़रूरत पर मुख़ालिफ़ों से भी याराना लगता है, ये जहां अब सियासतदारों का घराना लगता है। गुजर गया वो वक़्त जब सियासत में मोहब्बत थी, अब तो मोहब्बत में सियासत... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poem · Best Poetry · Politics · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 3 53 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read लो फिर बसंत आया है मन पुलकित, है तन पुलकित पुलकित है जग सारा | है वन पुलकित उपवन पुलकित पुलकित है नभ सारा | मस्तिष्क की डालियां कहने लगीं फिर .. लो फिर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 67 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read न जाने किसकी कमी है फूलों से महकते बाग फिर भी सूनी जमी है न जानें किसकी कमी है , न जानें किसकी कमी है | चहकते हैं पक्षी यहां कोयल भी कूकती है न... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 84 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read अतीत याद आता है अचानक हवा का कोई झोंका मेरे सामने से गुजर जाता है मुझे मेरी स्मृति को अपने साथ लेकर मेरे अतीत तक की सैर कराता है वह चेहरा जो अब स्मृति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 81 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read जानेमन नहीं होती गम की दहलीज पे मुसीबत कम नहीं होती, सफर ए इश्क की कोई मजिल नहीं होती | होकर परेशां जिंदगी से मौत करीब लगती है करीब से देखो जिंदगी भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 100 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read बदला हूं मैं धूप वो तपती वो जलते पैर मजबूरी और नंगे पांव की सैर | बदला नहीं है कुछ भी सबकुछ है वही वही तपती धूप वही है रहगुजर | रहगुजर मुश्किल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 79 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read कविता शब्द अनन्य भावों का बोध कराते प्रथक प्रथक स्थान लिए स्मृति पटल पर अंकित हो जाते हैं | यही शब्द संचित होकर विचार बन जाते हैं विचार होते हैं कभी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 72 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read पलक कल ये जो उठी तो चांद नजर आया , और जब ये झपकीं तो धुंध अंधेरा छाया काश झपकना इनकी फितरत में न होता हम इक टक उस चांद को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 80 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read मौसम तपती धूप में नंगे पैर चलते हैं , मजबूरी में इन बादलों का जुल्म सहते हैं , भीगना चाहते नहीं मगर भीगते हैं वो , ठंड की ठिठुरन को भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 92 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read आवाज न जानें क्यूं कहा हमसे उन्होंने आज उनकी आवाज से मिलादें अपनी आवाज काश कि वो हमें अब चाहने लगे हैं, शायद तभी थी उनकी ये आरजू भरी आवाज |... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 45 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read इशारा आंखें ये उनकी क्या कह रही हैं यूं पलकों को उठा और झपका रहीं हैं कभी तिरछी होकर हमें निहारती हैं कभी मुस्कुराकर जलवा दिखाती हैं हम समझ नहीं पाते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 67 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read वो चेहरा सुमन सा सुंदर , मोह सा मोहक प्रेम सा प्रिय, भाव सा भावुक स्पंदन सा कंपित , रूदन सा पीड़ित स्मृति सा स्मारक वो चेहरा ... मुझे देख छुप जाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 46 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read आंगन आंगन खुशियों से महकता सा आंगन ... दस्तकों से दमकता सा | कभी उनकी आहट का सुकून देता कभी उनके आने का सबूत देता | अगले ही क्षण यूं कहने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 57 Share Taj Mohammad 29 May 2024 · 1 min read हर जमीं का आसमां होता है। हर जमीं का आसमां होता है। परेशानी में क्यूं परेशां होता है।। दर्दे दिल्लगी है कैसे छुपाओगे। ये तो खुद ब खुद बयां होता है।। वो न थे नसीब में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 164 Share Previous Page 4 Next