Posts Tag: मुक्तक 11k posts List Grid Previous Page 3 Next surenderpal vaidya 27 Jan 2024 · 1 min read * चलते रहो * ** मुक्तक ** ~~ कार्य सब होते समय पर कष्ट कुछ सहते रहो। जल्दबाजी छोड़ कर कुछ धैर्य भी धरते रहो। साथ देता है समय हालात जब अनुकूल हो। सामने... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका छंद · मुक्तक 1 1 47 Share surenderpal vaidya 26 Jan 2024 · 1 min read * उपहार * ** मुक्तक ** ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ बहुत अनमोल जीवन में समझ लो प्यार होता है। सुपावन और नैसर्गिक यही उपहार होता है। कहीं भी स्वार्थ की चाहत नहीं होती जहां कोई। वहां... Hindi · भेंट उपहार · मुक्तक · विधाता छंद 1 1 90 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 5 min read वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से) वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है। प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है। वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है। उसका गोल चांद सा चेहरा, मासूम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक · शेर 1 70 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 2 min read *यातायात के नियम* यातायात नियम बताता, हाथ जोड़कर तुम्हें समझाता। ये बात लो मेरी मान, यातायात पर दो सब ध्यान। करो यातायात नियम का पालन, मेरी बात लो मान। जीवन मूल्यवान है, हर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 86 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 1 min read *बेटी की विदाई* एक तरफ नजारा खुशियों का, रंग बिरंगे फूल मालाएं गलीचे, रंगभूमि आतिशबाजी का शोर, कहीं बाजे डीजे की झंकार। कहीं पायलों की छम छम,कही रंगों की बहार। चारों ओर खुशी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 60 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 1 min read *हम किसी से कम नहीं* हम किसी से कम नहीं, जवाब देना जानते हैं। दिल की गहराइयों को, हम समझना जानते हैं। आप ठहरे फिरंगी, तुम क्या जानो हमारी। तकदीरों की लकीरों को हम बदलना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 52 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 1 min read *मानव शरीर* कोशिका ऊतक अंग, अंगतंत्र और अस्थि से बना शरीर। सभी प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ है, यह मानव शरीर। 639 पेशियां इसमें, 206 हैं अस्थियां। 12 जोड़ी होती हैं, मानव शरीर में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 58 Share Aman Sinha 25 Jan 2024 · 2 min read आक्रोष खून खौल उठता है मेरा, आँख से आंसू बहते है एक बच्ची की स्मिता लुटी है, कैसे हम सब चुप बैठे है? कायर है लोग आजके, जो कहने से भी... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक 85 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 3 min read *गरीबी में न्याय व्यवस्था (जेल से)* आजादी तो हक है मेरा, बेगुनाह को फांसा क्यों? रोम रोम में कपट तुम्हारे, देते क्यों दिलासा यूं? चोर उचक्के और लुटेरे, चारों ओर मिल जाएंगे। दया ईमान व सच्चे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 2 46 Share Ravi Prakash 25 Jan 2024 · 1 min read *राम अर्थ है भवसागर से, तरने वाले नाम का (मुक्तक)* *राम अर्थ है भवसागर से, तरने वाले नाम का (मुक्तक)* ________________________ राम अर्थ है भवसागर से, तरने वाले नाम का राम अर्थ है लोभ-मोह से, रहित हृदय निष्काम का जिसके... Hindi · Quote Writer · मुक्तक · राम 132 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 2 min read *कौन है इसका जिम्मेदार?(जेल से)* व्यवस्था पर सवाल उठाता, सब जन को यह बात बताता। ध्यान लगाकर पढ़ना सुनाना, झूठ सच्चाई की तुलना करना। इसमें कितनी है सच्चाई, जवाब दो क्यों मौन हो भाई? कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 31 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 1 min read *इन्हें भी याद करो* भुला दिया क्यों आज तुमने, ऐसे वीर शहीदों को। सींचकर अपने लहू से, जन्म दिया हम बीजों को। भीमराव चंद्र बोस भगत की, भूल गए क्यों आंधी को। क्यों आज... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 50 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 2 min read *क्या आपको पता है?* टपकता है छप्पर, आशियाना भी टूटा है। जाड़े गर्मी में रहते नंगे पैर, जूता भी टूटा है। अरे इन टूटे आशियानों की तुलना हमसे मत करिए, अरे! साहब खुद को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक · शेर 1 39 Share Ravi Prakash 25 Jan 2024 · 1 min read *दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)* *दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया (मुक्तक)* _________________________ दासता जीता रहा यह, देश निज को पा गया पॉंच सदियों बाद क्षण फिर, स्वाभिमानी छा गया लौट कर... Hindi · Quote Writer · मुक्तक · राम 70 Share Ravi Prakash 25 Jan 2024 · 1 min read *पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है (मुक्तक)* *पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है (मुक्तक)* ______________________ पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है पॉंच सदी के बाद अयोध्या, धाम... Hindi · Quote Writer · मुक्तक · राम 87 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 2 min read *आदर्शता का पाठ* प्रातः उठो, शौच करो व्यायाम। थोड़ा लो फिर आराम। बुरा न हो पकड़ो कान। मात पिता का कहना मानो, शिष्टाचार की भाषा जानों। अच्छे बुरे को तुम पहचानो। गुरु का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 55 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 1 min read *वोट की ताकत* पापा माता सुन लो भाई, वोट बनवाओ जाकर ताई। किसान बाबू और हलवाई, सरकार बनेगी वोट से भाई।।१।। हो गई उम्र अट्ठारह अब, वोट हमें बनवाना है। वोट की ताकत... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 53 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 1 min read *ऐसी हो दिवाली* ऐसी न हो दिवाली, जिसमें दीप जले खाली। दीपों के साथ-साथ हृदय हो प्रफुल्लित, गरीबों की भरो थाली, ऐसी हो दिवाली।।१।। रद्द करो पटाखे, इत्यादि का प्रयोग। घर-घर कर लो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 49 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 24 Jan 2024 · 1 min read चंद मुक्तक- छंद ताटंक... अपनी भाषा अपनी संस्कृति, किसे न मोहित करती है ? अपनी माँ या अपनी मासी, किसे न प्यारी लगती है ? पर अपना ये देश अनूठा, पर संस्कृति पर मरता... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 1 83 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *देश का दर्द (मणिपुर से आहत)* आंखें सबकी मिची हुई हैं, चारों ओर अंधेरा है। अस्मत इज्जत तार-तार हुई, ऐसा नया सवेरा है। देश में कितनी घटनाएं ऐसी, संख्या गिनना भारी है। न्याय में देरी सजा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 61 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)* पुरानी पेंशन हक है मेरा, बुढ़ापे का सहारा है। अपने भी जब साथ छोड़ दें, यही है एक सहारा है। माननीय लेते कई-कई पेंशन। हमारे लिए क्यों नहीं है पेंशन।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत · मुक्तक 1 70 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read सायली छंद सायली छंद चाँद 1 मेरे चाँद के टुकड़े टुकड़े कर मुस्कुराता है बेदर्दी। 2 चाँद कल निकला छत जगमग हुआ अमावस भी हैरान। 3 चाँद तुम्हारा चेहरा दोनों एक से... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 35 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read * तुगलकी फरमान* सोच रहा हूं बैठकर, कौन बनाता है यह, अजीबो गरीब तुगलकी फरमान? जिसमें न सहूलियत आम जनता की, न चिंता दुःख दर्द का एहसास, न जमीन से जुड़ी हकीकत, न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 60 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 4 min read *वकीलों की वकीलगिरी* रेप मर्डर चार सौ बीस, जब तक दो इनको फीस। बातें इनकी हवा- हवाई, करते क्या है सुन लो भाई। जमानत तुम्हारी सौ प्रतिशत, बाहर से बाहर होगी। चाहें केस... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 74 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *शादी के पहले, शादी के बाद* एक कॉलेज में पढ़ते थे, एक लड़का एक लड़की। आंखें हुई चार दोनों की, बात इस तरह भड़की। धीरे-धीरे एक दूसरे को, लगे दोनों चाहने। लड़का बोला चिंता न कर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 32 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 2 min read *लव इज लाईफ* माना कि हम रात को, एक बंद कमरे में होते। सब सोते, हम उसकी यादों में खोते। काश उस कमरे में, अंधेरा हो जाता। मैं उसे पहचानने में, भूल कर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 40 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई, फिर क्यों इन्सा बना कसाई। रिश्ते नाते सारे भूला, मद मस्ती में ऐसे झूला, करता घातक वार, रे इन्सा क्यों करता था तकरार।।१।। लूट बुराई रिश्वतखोरी,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत · मुक्तक 1 54 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *चाटुकार* साहब की हां में हां मिलाते, चरण पड़े आगे गिड़गिड़ाते, झूठ को ही सच बतलाते, मीठी झूठी बातें बनाते, खुद जय बोलें और बुलवाते, समय से करते हैं निज स्वामी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 54 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *हमारा संविधान* डॉ.अम्बेडकर शत-शत नमन, दिया अमूल्य संविधान। मेरे लिए भी है यह, पवित्र ग्रंथ महान।।१।। संविधान है हम हैं, कर लो इसका पान। यह तुम्हें बचाएगा, कठिन घड़ी में आन।।२।। दुनिया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा · मुक्तक 1 37 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 2 min read *मैं वर्तमान की नारी हूं।* मैं जन्म से पहले भी सताई, जन्म लिया इस जग में आई। सिलवटें देखीं माथे पर, सुने ताने फिर भी हर्षाई। शोषण अत्याचार कष्ट भी झेला, भेदभाव का मिला झमेला।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 49 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 23 Jan 2024 · 1 min read श्री राम !! श्रीं !! *जय सियाराम...!* 🙏 हमारे प्राण के आधार हैं वे राष्ट्र नायक हैं , वही हैं साध्य वे ही साधना हम राम साधक हैं , न मर्यादा कभी... Hindi · मुक्तक · श्रीराम 1 1 57 Share Suraj Mehra 22 Jan 2024 · 1 min read राम वन-वन में भटक रहे सभ्यता को तारने, राम कैसे मचल रहे अज्ञानता को मारने। देख कारनामे,स्वयं काल भी भयभीत हो, सबकुछ जीता था,अपने भाग्य को हारने।। Hindi · मुक्तक 77 Share Suraj Mehra 22 Jan 2024 · 1 min read रामराज्य घेर रखा था जग को जब विपदाओं ने, घुटने ही टेक दिए थे कई सभ्यताओं ने। विश्व ने ऐसा समीकरण कहीं ओर न देखा होगा, राज किया था एक राज्य... Hindi · मुक्तक 63 Share सत्य कुमार प्रेमी 21 Jan 2024 · 1 min read ये दिल उनपे हम भी तो हारे हुए हैं। मुक्तक ये दिल उनपे हम भी तो हारे हुए हैं। कि उल्फत में जो अब तुम्हारे हुए हैं। मुहब्बत में मेरा तुम्हारा न कोई, जो कल थे तुम्हारे हमारे हुए... Hindi · मुक्तक 60 Share सत्य कुमार प्रेमी 21 Jan 2024 · 1 min read तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह। गज़ल 2122/1122/1122/22(112) तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह। जो कभी होता था दरिया की रवानी की तरह। तू तो मिसरा ए उला थी, मेरे श़ेरों में सदा,... Hindi · मुक्तक 1 99 Share सत्य कुमार प्रेमी 21 Jan 2024 · 1 min read नया है रंग, है नव वर्ष, जीना चाहता हूं। मुक्तक नया है रंग, है नव वर्ष, जीना चाहता हूं। मिले जो मुफ्त में, गंगा नहाना चाहता हूं। कि खाना हो न हो, चिंता नहीं है यार मेरे, मिलेगी मुफ्त... Hindi · मुक्तक 85 Share सत्य कुमार प्रेमी 21 Jan 2024 · 1 min read जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को। अलविदा 2023 जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को। लाए खुशियां सबको, कहना चौबिस को। तेरी राह निहारें हम सब, स्वागत को, अमन चैन के फूल, खिलाना चौबिस को। .......✍️... Hindi · मुक्तक 67 Share Ravi Prakash 21 Jan 2024 · 1 min read *मनुज ले राम का शुभ नाम, भवसागर से तरते हैं (मुक्तक)* *मनुज ले राम का शुभ नाम, भवसागर से तरते हैं (मुक्तक)* _______________________ मनुज ले राम का शुभ नाम, भवसागर से तरते हैं लिखा कर राम पत्थर सेतु, पथ निर्माण करते... Hindi · Quote Writer · मुक्तक · राम 54 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 21 Jan 2024 · 1 min read श्री राम ! !! श्रीं !! *जय सियाराम !* 🙏 बुला लेना हमें भी दर्श की प्रभु प्यास जागी है, चरण वंदन करें हम भी हृदय में आस जागी है , जुड़ेंगे अनगिनत... Hindi · मुक्तक · श्री राम 1 1 72 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Jan 2024 · 2 min read अष्टांग योग दोहा मुक्तक विषय- अष्टांग योग मां शारदा की प्रार्थना , पूज्या हैं माता सभी , हृदय शारदा ध्यान। मति मेरी अति मंद मां , तदपि चाहता ज्ञान। ज्ञान चक्षु देकर... Hindi · मुक्तक 1 113 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 19 Jan 2024 · 1 min read जय श्री राम ! !! श्रीं!! *जय सियाराम !* *************** मिलेंगे आपके दर्शन जिन्हें वे भाग्यशाली हैं , हमारे बाग के तो आप ही हे नाथ ! माली हैं , बसे हनुमंत के उर... Hindi · मुक्तक · श्री राम 86 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 18 Jan 2024 · 1 min read जय श्री राम !!श्री!! जय सियाराम! ************ विराजें नव भवन में आप साक्षी है जगत सारा, सभी पावन उरों में बह रही है भक्ति की धारा, विराजेंगे चरण में आपके प्रभु भक्त बजरंगी... Hindi · मुक्तक · राम 81 Share Dr fauzia Naseem shad 17 Jan 2024 · 1 min read कोई गुरबत कोई गुरबत से डर गया होगा । कोई फ़ाक़े से मर गया होगा ।। उसकी आंखें, यूं नम नहीं होतीं । सब्र का जाम भर गया होगा ।। डाॅ फौज़िया... Hindi · मुक्तक 3 118 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 17 Jan 2024 · 1 min read जय श्री राम ! !! श्रीं !! *जय सियाराम .!* *************** कृपा की तब बना है आपके शुभ नाम का मन्दिर , बड़ा ही दिव्य है अति भव्य है श्री राम का मन्दिर ,... Hindi · मुक्तक · श्रीराम 1 111 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 16 Jan 2024 · 1 min read जय श्रीराम ! !! श्रीं!! *जय सियाराम !* 🙏 सितम अनगिन दरिन्दों ने, हजारों बार ढाये हैं, पड़ी थीं आपदाएँ पर, नहीं हम डगमगाये हैं , उगा दिनकर नयी आशा, नया संदेश लेकर... Hindi · मुक्तक · श्री राम 53 Share Jitendra kumar 15 Jan 2024 · 1 min read सब तो उधार का तो फिर मेरे पास क्या सब तो है उधार का इक रोटी खाई उधार की ये कपड़े पहना उधार का पैरों को ढकने जुते नहीं थे जुते लिया उधार का... Hindi · कविता · मुक्तक 1 71 Share Dushyant Kumar 15 Jan 2024 · 1 min read * तुगलकी फरमान* सोच रहा हूं बैठकर, कौन बनाता है यह, अजीबो गरीब तुगलकी फरमान? जिसमें न सहूलियत आम जनता की, न चिंता, न दुःख दर्द का एहसास, न जमीन से जुड़ी हकीकत,... Hindi · कविता · मुक्तक 1 90 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 15 Jan 2024 · 1 min read महालक्ष्मी छंद आधृत मुक्तक विधान- ऽ।ऽ,ऽ।ऽ,ऽ।ऽ ( रगण×3) कामना प्राप्ति की दूर हो । साथ तेरा मुझे नूर हो। लोग बातें बनाते रहें, आँख में प्यार ही पूर हो।।1 नाव डूबे नहीं धार में।... Hindi · मुक्तक 1 117 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 15 Jan 2024 · 1 min read जय श्री राम ! !! श्रीं !! *जय सियाराम !* *** दिये थे दर्श शबरी मात को जाकर स्वयं वन में, हमारी भी करें प्रभु आस पूरी जो जगी मन में, पधारें आप अपने... Hindi · मुक्तक · शबरी · श्रीराम 71 Share आकाश महेशपुरी 14 Jan 2024 · 1 min read राम का राज्य पुनः देश में लाने के लिए नफरतों का ये तमस दूर भगाना होगा प्यार का दीप ज़माने में जलाना होगा राम का राज्य पुनः देश में लाने के लिए ऊँच औ नीच का ये भेद मिटाना... Hindi · मुक्तक 2 72 Share Previous Page 3 Next