Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2024 · 1 min read

राम

वन-वन में भटक रहे सभ्यता को तारने,
राम कैसे मचल रहे अज्ञानता को मारने।
देख कारनामे,स्वयं काल भी भयभीत हो,
सबकुछ जीता था,अपने भाग्य को हारने।।

Language: Hindi
74 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
न दिया धोखा न किया कपट,
न दिया धोखा न किया कपट,
Satish Srijan
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
सीने में जलन
सीने में जलन
Surinder blackpen
कभी चुभ जाती है बात,
कभी चुभ जाती है बात,
नेताम आर सी
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Pratibha Pandey
अगर न बने नये रिश्ते ,
अगर न बने नये रिश्ते ,
शेखर सिंह
हां मैं पागल हूं दोस्तों
हां मैं पागल हूं दोस्तों
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ज़िन्दगी एक बार मिलती हैं, लिख दें अपने मन के अल्फाज़
ज़िन्दगी एक बार मिलती हैं, लिख दें अपने मन के अल्फाज़
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
*पहचान* – अहोभाग्य
*पहचान* – अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"दो पल की जिंदगी"
Yogendra Chaturwedi
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
माली अकेला क्या करे ?,
माली अकेला क्या करे ?,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ऐसे साथ की जरूरत
ऐसे साथ की जरूरत
Vandna Thakur
आत्मा की अभिलाषा
आत्मा की अभिलाषा
Dr. Kishan tandon kranti
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
Smriti Singh
" एकता "
DrLakshman Jha Parimal
धूल
धूल
नन्दलाल सुथार "राही"
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
Shankar N aanjna
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मैने प्रेम,मौहब्बत,नफरत और अदावत की ग़ज़ल लिखी, कुछ आशार लिखे
मैने प्रेम,मौहब्बत,नफरत और अदावत की ग़ज़ल लिखी, कुछ आशार लिखे
Bodhisatva kastooriya
समझ ना आया
समझ ना आया
Dinesh Kumar Gangwar
गाँधी जी की अंगूठी (काव्य)
गाँधी जी की अंगूठी (काव्य)
Ravi Prakash
हम चाहते हैं
हम चाहते हैं
Basant Bhagawan Roy
शायरी
शायरी
goutam shaw
🌹 मैं सो नहीं पाया🌹
🌹 मैं सो नहीं पाया🌹
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
तु शिव,तु हे त्रिकालदर्शी
तु शिव,तु हे त्रिकालदर्शी
Swami Ganganiya
मुक़ाम क्या और रास्ता क्या है,
मुक़ाम क्या और रास्ता क्या है,
SURYA PRAKASH SHARMA
योगी?
योगी?
Sanjay ' शून्य'
दिल दिया था जिसको हमने दीवानी समझ कर,
दिल दिया था जिसको हमने दीवानी समझ कर,
Vishal babu (vishu)
2264.
2264.
Dr.Khedu Bharti
Loading...