Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2024 · 1 min read

* उपहार *

** मुक्तक **
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
बहुत अनमोल जीवन में समझ लो प्यार होता है।
सुपावन और नैसर्गिक यही उपहार होता है।
कहीं भी स्वार्थ की चाहत नहीं होती जहां कोई।
वहां हर स्वप्न जीवन का स्वयं साकार होता है।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
सुरक्षा देश की करते चढ़ाते भेंट जीवन की।
कभी चिन्ता नहीं करते स्वयं के स्वार्थ साधन की।
रखा करते सुरक्षित जो हमेशा देश की सीमा।
बढ़ाते हैं कदम आगे गिराते भीत उलझन की।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
यही पहचान है अपनी सनातन देश है अपना।
लिए समभाव की अवधारणा परिवेश है अपना।
युगों से विश्व को आलोक से जगमग किया जिसने।
दिया श्रीकृष्ण ने जग को अमर संदेश है अपना।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
बनाकर है रखा मजबूरियों को क्यों जमाने में।
बढ़ाते जा रहे क्यों मुश्किलें रिश्ते निभाने में।
जरा सोचो हटाओ आवरण जो है पड़ा मन पर।
भलाई है हमेशा वक्त पर हिम्मत दिखाने में।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 1 Comment · 84 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all
You may also like:
पढ़ाकू
पढ़ाकू
Dr. Mulla Adam Ali
बहुत कुछ अधूरा रह जाता है ज़िन्दगी में
बहुत कुछ अधूरा रह जाता है ज़िन्दगी में
शिव प्रताप लोधी
मृतशेष
मृतशेष
AJAY AMITABH SUMAN
201…. देवी स्तुति (पंचचामर छंद)
201…. देवी स्तुति (पंचचामर छंद)
Rambali Mishra
वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं......
वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं......
कवि दीपक बवेजा
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
■ अभाव, तनाव, चुनाव और हम
■ अभाव, तनाव, चुनाव और हम
*Author प्रणय प्रभात*
चाय की घूंट और तुम्हारी गली
चाय की घूंट और तुम्हारी गली
Aman Kumar Holy
रास्ते है बड़े उलझे-उलझे
रास्ते है बड़े उलझे-उलझे
Buddha Prakash
भारत मां की पुकार
भारत मां की पुकार
Shriyansh Gupta
भारत के वीर जवान
भारत के वीर जवान
Mukesh Kumar Sonkar
क्या ग़रीबी भी
क्या ग़रीबी भी
Dr fauzia Naseem shad
जीवन
जीवन
Bodhisatva kastooriya
सच्चा मन का मीत वो,
सच्चा मन का मीत वो,
sushil sarna
हजारों लोग मिलेंगे तुम्हें
हजारों लोग मिलेंगे तुम्हें
ruby kumari
इंसान समाज में रहता है चाहे कितना ही दुनिया कह ले की तुलना न
इंसान समाज में रहता है चाहे कितना ही दुनिया कह ले की तुलना न
पूर्वार्थ
किस तरह से गुज़र पाएँगी
किस तरह से गुज़र पाएँगी
हिमांशु Kulshrestha
नयन
नयन
डॉक्टर रागिनी
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
Bhupendra Rawat
कविता की महत्ता।
कविता की महत्ता।
Rj Anand Prajapati
पगली
पगली
Kanchan Khanna
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
" खुशी में डूब जाते हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
वन्दे मातरम वन्दे मातरम
Swami Ganganiya
आपके आसपास
आपके आसपास
Dr.Rashmi Mishra
दुर्योधन को चेतावनी
दुर्योधन को चेतावनी
SHAILESH MOHAN
💐 Prodigy Love-33💐
💐 Prodigy Love-33💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यूं ही नहीं होते हैं ये ख्वाब पूरे,
यूं ही नहीं होते हैं ये ख्वाब पूरे,
Shubham Pandey (S P)
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चाहती हूँ मैं
चाहती हूँ मैं
Shweta Soni
Loading...