Posts Tag: नज़्म 83 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Lohit Tamta 13 Jul 2022 · 1 min read 'फौजी होना आसान नहीं होता" फौजी होना आसान नहीं होता, सपने और अपनों को छोड़ना आसान नहीं होता, क्योंकि रब हर किसी पर मेहरबान नहीं होता फ़ौजी होना आसान नहीं होता।। "लोहित टम्टा" Hindi · नज़्म · शेर 5 3 1k Share डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD 6 Jan 2022 · 1 min read नात،،सारी दुनिया के गमों से मुज्तरिब दिल हो गया। सारी दुनिया के गमों से मुज्तरिब दिल हो गया। जिक्रे आका मैंने की सुकून हासिल हो गया। ❤️ जो खुदा के हुक्म पर सुन्नत रसूले पाक पर । अमल पैरा... Hindi · नज़्म 1 1 760 Share Lohit Tamta 13 Jul 2022 · 1 min read "फौजियों की अधूरी कहानी" कुछ बातें अनकही रह जाती है, कविता बन वो अक्सर कागज़ में आजाती है, या तो शायरी बन कर अल्फाज़ो में आजाती है, जज़्बातों को बिखैर कर रूह को चीर... Hindi · कविता · नज़्म · शेर 5 6 870 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Jun 2021 · 1 min read यादों की परछाइयां उस सोलहवें साल में अजीबो-गरीब-से हाल में पल भर के मिलन के बाद उम्र भर की जुदाई को कैसे कोई याद करे-२ (१) उस मौत-से सन्नाटे में कब्रिस्तान-से वीराने में... Hindi · कविता · गीत · नज़्म 3 1 710 Share Dr. Pratibha Mahi 11 May 2022 · 1 min read तेरा पापा... अपने वतन में पापा की... लाड़ली बिटिया... पापा आपके पास ही हैं ...! दुखी मत हुआ कर... मेरी परी...! जब तू हँसती है.... मुझे बहुत अच्छी लगली है...! जब रोती है... तो... मेरा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · नज़्म 2 2 639 Share Dalveer Singh 5 Jun 2022 · 1 min read #udhas#alone#aloneboy#brokenheart तुम से बिछड़कर जो निखरा हू मैं क्या बताऊँ कितना बिखरा हू मैं Hindi · नज़्म 4 555 Share Lohit Tamta 25 May 2022 · 2 min read "आज बहुत दिनों बाद" आज बहुत दिनों बाद एक नज़्म लिखी है, नज़्म में सिर्फ़ तेरी ही बात लिखी है, वो हमारी पहली मुलाक़ात की दास्तां लिखी है, ट्रैन का मेरा सफ़र और फिऱ... Hindi · नज़्म 531 Share Lohit Tamta 28 Apr 2022 · 1 min read "सुनो एक सैर पर चलते है" चलो एक सैर पर चलते है, यादों की किताब को फ़िर से खोलते है, उन बच्पन के दोस्तों के साथ एक महफ़िल जमाते है, उस महफ़िल में स्कूल के किस्सों... Hindi · नज़्म 2 523 Share अश्क चिरैयाकोटी 24 May 2022 · 1 min read जब-जब देखूं चाँद गगन में..... विरह वेदना के झंकृत स्वर मंद-मंद मुस्काते हैं। स्नेहिल स्मृतियों के झूले झूला रोज़ झुलाते हैं।। जब-जब देखूं चाँद गगन में बस तुझमें खो जाता हूँ, मन के सूने आंगन... Hindi · नज़्म 2 1 451 Share Lohit Tamta 6 Aug 2022 · 1 min read यह सिर्फ़ वर्दी नहीं, मेरी वो दौलत है जो मैंने अपना खून और पसीना बहा के हासिल की है। This is not just my uniform but my wealth which I have earned by shedding my blood and sweat..! ख्वाइश बस इतनी सी है, जब भी मौत आए, ज़िस्म में वर्दी हो, सितारे अस्मां में नहीं मेरे काँधे में हो, और कफ़न तिरंगे का हो। जय हिन्द "लोहित टम्टा" Hindi · कविता · नज़्म · फौजी · शायरी 9 12 560 Share डी. के. निवातिया 11 Jun 2022 · 1 min read गिरते-गिरते - डी के निवातिया गिरते-गिरते हम कहाँ से कहाँ आ गए गिरते-गिरते, जग सारे में सारे छा गए गिरते-गिरते !! ! काबिल जरा न थे जो जहन्नुम के भी, जन्नत यहां पर पा गए... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · नज़्म · शेर 1 2 495 Share Lohit Tamta 26 May 2022 · 1 min read "दोस्त-दोस्ती और पल" स्कूल की यादों को किताबों में छुपा के रखना, जब भी खुलेंगी तो हाँसी और आँसू दोनों देंगीं। ये वो यादें है जो सुकूँ के साथ बीती बारिश सी बरस... Hindi · नज़्म 2 6 420 Share Lohit Tamta 9 Aug 2022 · 2 min read "फौजी और उसका शहीद साथी" जब सारा देश जीती हुई जंग की ख़ुशी मना रहा था, तब एक फौजी अपने साथी की जान बचाने की जंग लड़ रहा था, अपनी गोद में बैठा कर उसको... Hindi · Indian आर्मी · कविता · नज़्म · फौजी · शहीद 6 4 444 Share Lohit Tamta 22 Jul 2022 · 1 min read "तुम हक़ीक़त हो ख़्वाब हो या लिखी हुई कोई ख़ुबसूरत नज़्म" बादल भी जहाँ पहाड़ों को छू कर चलते है, उन पहाड़ों में ही कहीं आशियाँ है मेरा, बस यहीं तुमको छू कर महसूस करना है तुम हक़ीक़त हो या कोई... Hindi · कविता · नज़्म · शायरी 4 4 484 Share Lohit Tamta 13 Jul 2022 · 1 min read फ़ौजी ना धर्म देखते है ना जात, हम तो फ़ौजी है जनाब, सिर्फ अपना हिंदुस्तान देखते है। Hindi · कविता · नज़्म · शेर 1 408 Share Lohit Tamta 12 Jul 2022 · 1 min read "मेरी कहानी" कभी फुर्सत से सुनाऊँगा तुम्हें कहानी अपनी इन्हीं पहाड़ो में बैठ कर कहीं, अभी कुछ पन्ने अधूरे रह गए है उन्हें लिखने दो। Hindi · कविता · नज़्म · शेर 1 379 Share Lohit Tamta 27 Apr 2022 · 1 min read "एक शोर है" ज़ुबाँ ख़ामोश है, पर अल्फाज़ों में शोर है, तोहमतें बेशुमार है, फ़िर भी दिल पाक सार है, तर्क ए ताल्लुक तो बस बहाना है, आंखिर में छोड़ के ही जाना... Hindi · नज़्म 336 Share Lohit Tamta 4 Sep 2022 · 1 min read "कुछ तो गुन-गुना रही हो"☺️ मन ही मन कुछ तो गुन-गुना रही हो, क्या कोई ख़ास नज़्म लिखी है, जो पहाड़ों में बैठ ये अस्मां में फैले बादलों को सुना रही हो, मौसम पहाड़ो का... Hindi · कविता · नज़्म · शायरी 9 10 415 Share Nitu Sah 29 Mar 2022 · 1 min read Mubarak ho नज़्म-मुबारक हों Heppy Barth day , O ,Barthday Rani,Rani,Rani. -२ मुबारक हो तुमको ये जन्मदिन तुम्हारी तुम जीवों हजारों साल,सबका हैं यही दुआ जिस पर रख दों अंगूली तुम,ओ हो... Hindi · नज़्म 2 303 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 18 May 2022 · 1 min read नज़्म - मुझे तुमसे प्यार है शीर्षक- " तुझसे प्यार है " दिल से जुदा नहीं हो तुम, मेरे ज़ेहन में तेरी यादें हैं । अधूरी हैं रस्में मोहब्बत की, पतझड़ से ये तेरे वादे हैं... Hindi · नज़्म 1 308 Share Lohit Tamta 11 Aug 2022 · 1 min read "अगली राखी में आऊँगा" बहन आज तेरा त्यौहार आ गया, फ़िर से राखी का दिन आ गया, तेरी शरारतें और तेरी बातें याद मुझे दिला गया, इस साल नहीं अगले साल आऊँगा, फ़िर से... Hindi · Indianarmy · कविता · नज़्म · भारतीय सेना · रक्षाबंधन 7 6 309 Share Aradhya Raj 10 Jun 2022 · 1 min read गहरी नींद चल ना ऐ जिंदगी अड़ी सी क्यों है, क़दम बढ़ा के देख खुशियां बिखरी पड़ी है। जो अपना था हीं नहीं,अब वो याद भुला दे, या फिर से जागूं ना... Hindi · नज़्म 1 312 Share Dalveer Singh 7 Jun 2022 · 1 min read हमसफर अक़्सर सफर तय कर जाते है लोग , हमसफर के साथ रह जाते है हम रोते हुए, शराब के साथ! Hindi · नज़्म 2 2 297 Share *Author प्रणय प्रभात* 27 Feb 2023 · 1 min read #नज़्म / पता नहीं क्यों...!! #नज़्म:- ■ पता नहीं हम क्यों मिलते हैं? 【प्रणय प्रभात】 "किसी राह में, किसी मोड़ पर, अनायास ही चलते-चलते। मुरझाए गुंचे खिलते हैं, पता नहीं हम क्यों मिलते हैं।। एक... Hindi · दिल · नज़्म · शायरी 1 448 Share Lohit Tamta 24 May 2022 · 1 min read "Happy National Brother's Day" जो रहते है हर कांड में साथ, खून से बढ़कर रिश्ता होता है उनसे खास, जो किसी भी हाल में छोड़ते नहीं है साथ, क्योंकि कुछ दोस्त, दोस्त नहीं भाई... Hindi · नज़्म 253 Share Lohit Tamta 26 Jul 2022 · 1 min read "कारगिल विजय दिवस" ना पूछी जात ना पूछा मजहब, वो नेता नहीं फौजी थे जनाब उन्होंने सिर्फ अपना हिंदुस्तान देखा, हमारे आज के लिए अपना कल क़ुर्बान कर दिया, जहाँ मुमकिन ना था... Hindi · कविता · नज़्म · शायरी 4 6 268 Share *Author प्रणय प्रभात* 19 Mar 2023 · 2 min read ■ नज़्म (ख़ुदा करता कि तुमको) ■ दिल की नज्म : दिमाग़ के नाम 【प्रणय प्रभात】 ★ जिसे तुम इश्क़ समझे हो छलावा बस छलावा है, जिसे चाहत समझते हो, दिखावा ही दिखावा है। तुम्हारा इश्क़... Hindi · इश्क़ · नज़्म · शायरी 1 334 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Apr 2022 · 1 min read आख़िरी ख़त "सभ्यता का हर ताजमहल आम आदमी की गर्दन पर खड़ा होता है। मैं रहूं या नहीं लेकिन तुम अपने बच्चों को यह बताना मत भूलना कि राम-मंदिर, प्रधानमंत्री निवास और... Hindi · नज़्म 208 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 24 Mar 2022 · 1 min read चेहरा किताबी आज खत आया तेरा जवाबी पढ़ लिया मैने तेरा चेहरा किताबी एक तमन्ना थी देखने की वो पंखुड़ी गुलाब की देख लिया मैने तेरे होठ गुलाबी वैसे तो पीना छोड़... Hindi · नज़्म 1 2 208 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - प्यार के ख्वाबों को दिल में सजा लूँ तो क्या हो प्यार के ख्वाबों को दिल में सजा लूँ, तो क्या हो, इश्क़ की झील में गोते लगा लूँ, तो क्या हो। भीनी सी मदहोशी में जैसे बीतती जाए सारी रात,... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · ग़ज़ल/गीतिका · चाहत · नज़्म · प्यार 1 411 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 26 Mar 2022 · 1 min read कुछ भी नहीं मुकम्मल है. ये बातें नहीं अनर्गल है आज तेरा तो मेरा कल है आनी-जानी दुनिया में कुछ भी नहीं मुकम्मल है कभी शह कभी मात मंजर बदलता पल-पल है आनी-जानी दुनिया में... Hindi · नज़्म 193 Share Krishan Singh 19 May 2022 · 1 min read झूठों से महफ़िल सजी थी झूठों से महफ़िल सजी थी हमसे गलती हुई... हमसे गलती हुई हमने सच बोल दिया... सब लोग बैठे थे .... सब लोग बैठे थे मुठ्ठी में दबा कर नमक हमने... Hindi · नज़्म 2 189 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 15 Nov 2022 · 1 min read ख़ामुश हुई ख़्वाहिशें - नज़्म नज़्म 【 ख़ामुश हुई ख़्वाहिशें 】 बहुत दूर निकल आये हैं मुहब्बत के सफ़र में । ख़ुद को मिटाकर भी न पा सके हैं उनको ।। भरोसा कर लिया था... Hindi · नज़्म 3 200 Share Shiva Awasthi 31 Dec 2022 · 1 min read कैलेंडर निश्चित है दीवार इसे अब बदलेगी, प्रासंगिकता खो बैठा है कैलेंडर। दीवारों की छाती चढ़ते, नई नवेली तारीखें कब सोच सकी हैं, दिन बदलेंगे। दिन बदलेंगे और जनवरी बूढ़ी होगी,... Hindi · उर्दू · नज़्म · हिंदी 4 2 213 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 14 Oct 2022 · 1 min read ओस की बूँदें - नज़्म शीर्षक - ओस की बूंदें ( नज़्म ) निख़र आता है रूप तेरा , जब बूंदें ओस की छूती हैं । चांद भी शरमाता है , तेरे हुस्न से अप्सराएं... Hindi · नज़्म 1 194 Share *Author प्रणय प्रभात* 13 Mar 2023 · 2 min read ■ एक_नज़्म_ख़ुद_पर ■ सफ़र में हूँ.... 【प्रणय प्रभात】 सफ़र में हूँ नज़र के सामने केवल अँधेरा है। अँधेरा यानि गुमनामी जो मेरे साथ है अब तक, अँधेरा यानि नाकामी जो मेरे साथ... Hindi · एहसास · कविता · जीवन · नज़्म · सफ़र 1 200 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है, कभी मिल ना पाऊँ तो भी दिल के तार बज़ाती है। कितनी बार सुनता हूँ उसे सोते-सोते भी... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · ग़ज़ल · दोस्ती प्यार की · नज़्म · प्यार 2 265 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म/मुक्तक - बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या? सच को झूठ से आईना दिखाना, अच्छा है क्या? देश और अवाम वास्ते हो सियासत, तो अच्छी लगे, हाकिम का अवाम... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · गीत · नज़्म · मुक्तक 1 244 Share Krishan Singh 19 May 2022 · 1 min read किसी को अपना दर्द बताने से बेहतर है किसी को अपना दर्द बताने से बेहतर है दर्द के साथ जीना सीख जाओं क्योंकि इस दुनिया में कोई किसी का नहीं होता!! – कृष्ण सिंह Hindi · नज़्म 2 132 Share Harinarayan Tanha 10 Sep 2022 · 1 min read बेपर्दा औरतें ऐसी नही होतीं बेपर्दा औरतें ऐसी नही होतीं बेपर्दा औरतें ऐसी नही होतीं वों तो कहकहे लगाती हैं जमाने के सामने इनकार कर देती हैं उन रवायतों को मानने से जो उन्हें रोकते... Hindi · नज़्म 147 Share अनिल कुमार 10 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - इश्क के रणक्षेत्र में बस उतरे वो ही वीर इश्क़ के रणक्षेत्र में बस उतरे वो ही वीर, ना जीत की ललक जिसे ना हार की पीर। अंगारों पर चल सके जो हो कर नंगें पैर, मिटने को तैयार... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता · ग़ज़ल · नज़्म · प्यार 1 323 Share डॉक्टर वासिफ़ काज़ी 27 Apr 2022 · 1 min read दिल धड़कता तेरे लिए शीर्षक - " दिल धड़कता तेरे लिए " मुझे मोहब्बत तुम्हीं से है बस । ये दिल धड़कता तेरे लिए है ।। तू ही है बस एक सुकून दिल का... Hindi · नज़्म 123 Share मुन्ना मासूम 17 May 2022 · 1 min read कभी मिलोगी तब सुनाऊँगा रोज़ आती हो तुम खयालों में। हर जवाबों में हर सवालों में। टूटता तन बदन तनहाई में। याद आती हो हर अंगड़ाई में। हर परछाईयों में तुम दिखती, तड़प अपनी... Hindi · नज़्म 1 133 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा के नज़र झुकाने की, हमको भी आदत लग गई इज़हार-ए-प्यार समझ जाने की। उसका अक्स आकर बैठने लगा आँखों के दरवाजों पे, हमको लत... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · नज़्म · प्यार 1 269 Share *Author प्रणय प्रभात* 7 Feb 2023 · 1 min read ■ ख़ास दिन, ख़ास बात, नज़्म के साथ 😊 एक अहम दिन ■ सह-यात्रा के 32 साल 【प्रणय प्रभात】 अखिल कोटि ब्रह्मांड-नायक प्रभु श्री राम जी की असीम कृपा और बाबा महाकाल के आशीर्वाद से सामंजस्य, समरसता और... Hindi · आभार · दिल का पैगाम · नज़्म · सफ़र 1 239 Share *Author प्रणय प्रभात* 17 Jun 2023 · 2 min read ■मंज़रकशी :-- #नज़्म_यादों_के_झरोखे_से :-- ■ एक कहानी, जो है रूमानी.….! ● धड़कते हुए जवां दिलों के नाम। 【प्रणय प्रभात】 वक़्त हो तो आइए, इक दास्तां सुन लीजिए। कुछ रुमानी ख़्वाब अपनी, आँख... Hindi · नज़्म · मंज़रकशी · यादों की खिड़की · ये उन दिनों की बात है 1 288 Share एकांत 21 Jan 2023 · 1 min read तेरी नादानी मान लूंगा तेरा दूर होकर किसी ओर के करीब होना तेरी नादानी मान लूंगा तू जब भी वापस आएगी मेरे पास लौटकर अपनी बाहों में तुझे पनाह दूंगा तुझे मेरा प्यार नजर... Hindi · कविता · जुदाई · नज़्म · प्यार 146 Share Sandeep Singh Chouhan "Shafaq" 2 Oct 2022 · 1 min read नज़्म ("सज़ा-ए-मोहब्बत") "सज़ा-ए-मोहब्बत" आजकल इस बाग में मायूसी पसरी रहती है अब यहाँ की ख़ुशबुओं को मार कर गंध ने अपना ठिकाना कर लिया है सारे पत्ते ज़र्द होकर गिर पड़े हैं... Hindi · Nazm · Sandeep Singh Chouhan Shafaq · Shafaq · नज़्म · शायरी 148 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - शाम का ये आसमांँ आज कुछ धुंधलाया है शाम का ये आसमाँ आज़ कुछ धुंधलाया है, इसमें मेरे प्यार का ढ़का हुआ सा साया है। बादलों की टोलियाँ बड़ी भागदौड़ हैं कर रहीं, क्या इनमें यार का चेहरा... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता · ग़ज़ल · नज़्म · प्यार 2 227 Share अनिल कुमार 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - दस्तूर-ए-दुनिया तो अब ये आम हो गया दस्तूर-ए-दुनिया तो अब ये आम हो गया, किसी की बदनामी से किसी का नाम हो गया। जिसकी वफाओं पर था नाज़ हमें बहुत, ज़रूरत में वो यार ख़ुद बेनकाब हो... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · जज़्बात · नज़्म · मुक्तक 1 2 168 Share Page 1 Next