Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2022 · 1 min read

कुछ भी नहीं मुकम्मल है.

ये बातें नहीं अनर्गल है
आज तेरा तो मेरा कल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है

कभी शह कभी मात
मंजर बदलता पल-पल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है

कभी हवाएं थम सी-जाती
पल में हो जाती चंचल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है

कभी समस्याएं लगती कठीन है
पल में लगती बहुत सरल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है

सब छोड़ यहीं पर जाना है
फिर पूछता”विशाल”करता कोई क्यों छल है
आनी-जानी दुनिया में
कुछ भी नहीं मुकम्मल है.

राजीव विशाल (रोहतासी)
मो-8210666825

Language: Hindi
184 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajiv Vishal (Rohtasi)
View all
You may also like:
Agar padhne wala kabil ho ,
Agar padhne wala kabil ho ,
Sakshi Tripathi
पर्वत दे जाते हैं
पर्वत दे जाते हैं
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
चित्रकार उठी चिंकारा बनी किस के मन की आवाज बनी
प्रेमदास वसु सुरेखा
"शून्य-दशमलव"
Dr. Kishan tandon kranti
बरसात की झड़ी ।
बरसात की झड़ी ।
Buddha Prakash
सब कुछ हो जब पाने को,
सब कुछ हो जब पाने को,
manjula chauhan
जिसे सुनके सभी झूमें लबों से गुनगुनाएँ भी
जिसे सुनके सभी झूमें लबों से गुनगुनाएँ भी
आर.एस. 'प्रीतम'
**विकास**
**विकास**
Awadhesh Kumar Singh
मेरी तो धड़कनें भी
मेरी तो धड़कनें भी
हिमांशु Kulshrestha
💐प्रेम कौतुक-297💐
💐प्रेम कौतुक-297💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
कान्हा मेरे जैसे छोटे से गोपाल
Harminder Kaur
तन्हा -तन्हा
तन्हा -तन्हा
Surinder blackpen
2386.पूर्णिका
2386.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
Ajad Mandori
वास्तविक मौज
वास्तविक मौज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
नहीं देखा....🖤
नहीं देखा....🖤
Srishty Bansal
*बिरहा की रात*
*बिरहा की रात*
Pushpraj Anant
#आप_भी_बनिए_मददगार
#आप_भी_बनिए_मददगार
*Author प्रणय प्रभात*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लौट कर रास्ते भी
लौट कर रास्ते भी
Dr fauzia Naseem shad
विरह के दु:ख में रो के सिर्फ़ आहें भरते हैं
विरह के दु:ख में रो के सिर्फ़ आहें भरते हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्यास
प्यास
sushil sarna
गांव की सैर
गांव की सैर
जगदीश लववंशी
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
Deepak Baweja
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
माह -ए -जून में गर्मी से राहत के लिए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जान लो पहचान लो
जान लो पहचान लो
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कर्म-बीज
कर्म-बीज
Ramswaroop Dinkar
अब न तुमसे बात होगी...
अब न तुमसे बात होगी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हाथी के दांत
हाथी के दांत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...