Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2022 · 1 min read

दिल धड़कता तेरे लिए

शीर्षक – ” दिल धड़कता तेरे लिए ”

मुझे मोहब्बत तुम्हीं से है बस ।
ये दिल धड़कता तेरे लिए है ।।
तू ही है बस एक सुकून दिल का ।।।
ये ज़िस्म सिसकता तेरे लिए है ।।।।

तुम्हीं से ख़ुशबू ग़ुलों में है बस ।
ये दिन निकलता तेरे लिए है ।।
तुम्हीं से रोशन बहार मुझमें ।।।
ये दिल धड़कता तेरे लिए है ।।।।

हुस्न से तेरे शफ़्फाफ़ है शब ।
ये चांद ढलता तेरे लिए है ।।
तुम्हीं जुनूं हो बस मेरे रहबर ।।।
ये मन महक़ता तेरे लिए है ।।।।

© डॉ. वासिफ क़ाज़ी
© काज़ीकीक़लम
28/3/2 ,अहिल्या पल्टन ,इकबाल कालोनी
इंदौर ,मध्यप्रदेश

Language: Hindi
118 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"समझाइश "
Yogendra Chaturwedi
#धोती (मैथिली हाइकु)
#धोती (मैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
खुद को इतना हंसाया है ना कि
खुद को इतना हंसाया है ना कि
Rekha khichi
♥️♥️दौर ए उल्फत ♥️♥️
♥️♥️दौर ए उल्फत ♥️♥️
umesh mehra
सच्चाई के रास्ते को अपनाओ,
सच्चाई के रास्ते को अपनाओ,
Buddha Prakash
*राजकली देवी: बड़ी बहू बड़े भाग्य*
*राजकली देवी: बड़ी बहू बड़े भाग्य*
Ravi Prakash
लोकसभा बसंती चोला,
लोकसभा बसंती चोला,
SPK Sachin Lodhi
खुशनसीब
खुशनसीब
Naushaba Suriya
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
शमशान और मैं l
शमशान और मैं l
सेजल गोस्वामी
■ कैसे भी पढ़ लो...
■ कैसे भी पढ़ लो...
*Author प्रणय प्रभात*
मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी
मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी
Sanjay ' शून्य'
मन खामोश है
मन खामोश है
Surinder blackpen
*झूठा  बिकता यूँ अख़बार है*
*झूठा बिकता यूँ अख़बार है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेमेल कथन, फिजूल बात
बेमेल कथन, फिजूल बात
Dr MusafiR BaithA
अब तू किसे दोष देती है
अब तू किसे दोष देती है
gurudeenverma198
तुम मेरी
तुम मेरी
हिमांशु Kulshrestha
मेरे जीवन में सबसे
मेरे जीवन में सबसे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
चूल्हे की रोटी
चूल्हे की रोटी
प्रीतम श्रावस्तवी
महबूबा
महबूबा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गीत गाऊ
गीत गाऊ
Kushal Patel
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
शेखर सिंह
जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
जितना रोज ऊपर वाले भगवान को मनाते हो ना उतना नीचे वाले इंसान
Ranjeet kumar patre
पहाड़ के गांव,एक गांव से पलायन पर मेरे भाव ,
पहाड़ के गांव,एक गांव से पलायन पर मेरे भाव ,
Mohan Pandey
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
"जीवन का सफर"
Dr. Kishan tandon kranti
The Saga Of That Unforgettable Pain
The Saga Of That Unforgettable Pain
Manisha Manjari
Loading...