Tag: नज़्म
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'फौजी होना आसान नहीं होता"
Lohit Tamta
नात،،सारी दुनिया के गमों से मुज्तरिब दिल हो गया।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"फौजियों की अधूरी कहानी"
Lohit Tamta
यादों की परछाइयां
Shekhar Chandra Mitra
तेरा पापा... अपने वतन में
Dr. Pratibha Mahi
#udhas#alone#aloneboy#brokenheart
Dalveer Singh
"आज बहुत दिनों बाद"
Lohit Tamta
"सुनो एक सैर पर चलते है"
Lohit Tamta
जब-जब देखूं चाँद गगन में.....
अश्क चिरैयाकोटी
यह सिर्फ़ वर्दी नहीं, मेरी वो दौलत है जो मैंने अपना खून और पसीना बहा के हासिल की है। This is not just my uniform but my wealth which I have earned by shedding my blood and sweat..!
Lohit Tamta
गिरते-गिरते - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
"दोस्त-दोस्ती और पल"
Lohit Tamta
"फौजी और उसका शहीद साथी"
Lohit Tamta
"तुम हक़ीक़त हो ख़्वाब हो या लिखी हुई कोई ख़ुबसूरत नज़्म"
Lohit Tamta
फ़ौजी
Lohit Tamta
"मेरी कहानी"
Lohit Tamta
"एक शोर है"
Lohit Tamta
"कुछ तो गुन-गुना रही हो"☺️
Lohit Tamta
Mubarak ho
Nitu Sah
नज़्म - मुझे तुमसे प्यार है
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
"अगली राखी में आऊँगा"
Lohit Tamta
गहरी नींद
Aradhya Raj
हमसफर
Dalveer Singh
#नज़्म / पता नहीं क्यों...!!
*Author प्रणय प्रभात*
"Happy National Brother's Day"
Lohit Tamta
"कारगिल विजय दिवस"
Lohit Tamta
■ नज़्म (ख़ुदा करता कि तुमको)
*Author प्रणय प्रभात*
आख़िरी ख़त
Shekhar Chandra Mitra
चेहरा किताबी
Rajiv Vishal (Rohtasi)
ग़ज़ल/नज़्म - प्यार के ख्वाबों को दिल में सजा लूँ तो क्या हो
अनिल कुमार
कुछ भी नहीं मुकम्मल है.
Rajiv Vishal (Rohtasi)
झूठों से महफ़िल सजी थी
Krishan Singh
ख़ामुश हुई ख़्वाहिशें - नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
कैलेंडर
Shiva Awasthi
ओस की बूँदें - नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
■ एक_नज़्म_ख़ुद_पर
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल/नज़्म - एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म/मुक्तक - बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या
अनिल कुमार
किसी को अपना दर्द बताने से बेहतर है
Krishan Singh
बेपर्दा औरतें ऐसी नही होतीं
Harinarayan Tanha
ग़ज़ल/नज़्म - इश्क के रणक्षेत्र में बस उतरे वो ही वीर
अनिल कुमार
दिल धड़कता तेरे लिए
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
कभी मिलोगी तब सुनाऊँगा
मुन्ना मासूम
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
अनिल कुमार
■ ख़ास दिन, ख़ास बात, नज़्म के साथ
*Author प्रणय प्रभात*
■मंज़रकशी :--
*Author प्रणय प्रभात*
तेरी नादानी मान लूंगा
एकांत
नज़्म ("सज़ा-ए-मोहब्बत")
Sandeep Singh Chouhan "Shafaq"
ग़ज़ल/नज़्म - शाम का ये आसमांँ आज कुछ धुंधलाया है
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - दस्तूर-ए-दुनिया तो अब ये आम हो गया
अनिल कुमार