Posts Tag: ग़ज़ल 1k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Juhi Grover 17 May 2024 · 1 min read ज़िन्दगी में अब बचा क्या है? बर्बाद कर दिया खुद को काफ़िर बनकर, ज़िन्दगी में अब बचा क्या है? शाम के बाद रात तो होनी ही थी, इसमें अब शुभा क्या है? कोई भी राह हमें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · काफ़िर · ग़ज़ल · ज़िन्दगी · मंज़र 0 Share भरत कुमार सोलंकी 17 May 2024 · 1 min read दहेज ना लेंगे दहेज ना लेंगे मन के मंच पर खुद से खडे होकर, वादा करेंगे। मा बाप को छोद आयी बन उस खुश किस्मत से ना दहेज लेंगे रख संस्कार जिसने अपनी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 5 Share भरत कुमार सोलंकी 17 May 2024 · 1 min read दहेज ना लेंगे दहेज ना लेंगे मन के मंच पर खुद से खडे होकर, वादा करेंगे। मा बाप को छोद आयी बन उस खुश किस्मत से ना दहेज लेंगे रख संस्कार जिसने अपनी... Hindi · ग़ज़ल 6 Share भरत कुमार सोलंकी 17 May 2024 · 1 min read दहेज की जरूरत नहीं लोगो की परम्परा को तोड़ उस अमानत की दर को जोड़ खुद से कहूंगा मुझे दहेज की जरूरत नही भाग्य ने मुझे वो खुशहाली सोप मेरे बदनसीब को रोक मुझसे... Hindi · ग़ज़ल 5 Share Neeraj Mishra " नीर " 17 May 2024 · 1 min read जमाने से विद लेकर.... आज के बाद मैं तुझे याद नहीं आऊँगा जमाने से विद लेकर कही दूर चला जाऊंगा | रुख बदलती हवों के संग तु भी बदल जाएगा रिस्ता क्या तेरा मुझसे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 14 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा मैं हंसों की तरह तालाब को अब मर के छोड़ूँगा मुझे मालूम है सय्याद ने लूटा चमन को है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 6 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read कभी तो देखने आओ जहाँ हर बार लगता है कभी तो देखने आओ जहाँ हर बार लगता है हमारे गाँव में काफ़ी बड़ा बाज़ार लगता है ये सब तो ग़ैर-मुमकिन था कि वो ख़ंजर चलाएगा मुझे तो ये बताया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 8 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता हवाओं में चराग़ों का गुज़ारा हो नहीं सकता हसद रखता हो जो दिल में हमेशा चाल चलता हो हक़ीक़त में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 8 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी ज़िंदगी में कब किसी को तीरगी अच्छी लगी जब भी होती है किसी को बे-वजह सी ये घुटन फिर कहाँ किसको भला... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल 7 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है वो हिंदुस्तान में अपना ज़माना छोड़ जाता है जहाँ लाखों करोड़ों लोग अब भी गुनगुनाते हैं वो अल्लामा यहाँ अपना तराना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 7 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं ये तख़्त ओ ताज इसलिए सारे उसी के हैं डसने का जिसका काम ही सदियों से चल रहा ये नाग हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 6 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं कि जैसे सामने कश्ती के कुछ गिर्दाब रहते हैं जिसे देखा गया हो बस गरजने की ही सूरत में उसी एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 5 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read वो ठोकर से गिराना चाहता है वो ठोकर से गिराना चाहता है मुझे पत्थर पे लाना चाहता है जिसे अपना समझता हूँ जहाँ में वो रस्ते से हटाना चाहता है उसे होते नहीं देखा किसी का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 5 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा वो सबसे अब दिखावा कर रहा होगा चराग़ों पर अभी है गर्दिश-ए-दौराँ वो आँधी को इशारा कर रहा होगा वो रातों को बड़ी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 5 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत एक दौर में काफ़ी थी बहत्तर की ज़रूरत जो मेरे लिए ही हो परेशानी का बाइस मुझको नहीं ऐसे किसी रहबर की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल 6 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से वो क्या डरेगा अब तो बवंडर के ख़ौफ़ से मौजों से लड़ झगड़ के मैं साहिल पे आ गया लेकिन डरा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल 7 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ छानी हो खाक़ जिस ने भी अपने बदन के साथ उस शख़्स से ना पूछिये उसकी ख़ुशी का हाल जिसने गुज़ारे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 6 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी टूटा हो जैसे कोई सितारा अभी अभी जैसे किसी ने साँप के फन को कुचल दिया अपनी अना को ऐसे ही मारा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 6 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read इससे पहले कोई आकर के बचा ले मुझको इससे पहले कोई आकर के बचा ले मुझको हिज्र मेरा ही कहीं मार न डाले मुझको अब तो साहिल पे पहुँच कर ही मैं कुछ दम लूँगा इस से पहले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 5 Share VINOD CHAUHAN 16 May 2024 · 1 min read पहली नजर का जादू दिल पे आज भी है पहली नजर का जादू दिल पे आज भी है वो तेरी नजर का जादू दिल पे आज भी है पहली नजर का जादू दिल पे आज भी है न दिल... Hindi · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 8 Share Neelam Sharma 16 May 2024 · 1 min read वज़्न ---221 1221 1221 122 बह्र- बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुखंन्नक सालिम अर्कान-मफ़ऊल मुफ़ाईलु मुफ़ाईलु फ़ऊलुन तला हम आशिक़ हैं मक़्तल में नाम करेंगे । ये हुस्न के चर्चे तुझे गुलफाम करेंगे। #शेर महफ़िल में हमारी तेरा जब ज़िक्र चलेगा, हम इश्क़ में महफिल वो तेरे... Hindi · ग़ज़ल · वज़्न ---221 1221 1221 122 ब 7 Share Akash Agam 16 May 2024 · 1 min read हवा का ख़ौफ़ हवा का ख़ौफ़ है पर ख़ुद को आज़माने दे चिराग़ बुझ गए हैं जो मुझे जलाने दे हयात यूंँ भी ज़मीनों से तंग है साक़ी तेरी निगाह के प्याले में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · गीत 1 11 Share भरत कुमार सोलंकी 15 May 2024 · 1 min read मै ना सुनूंगी "ना सुनूंगी " भोली सुरत लेके तु मुझको क्यो बहकाता है। आलाप ना कर, तेरी मैं ना सुनगी बहाना लेके तु मीठे बोल से क्यों समझाता है । आलाप ना... Hindi · ग़ज़ल 1 10 Share Bodhisatva kastooriya 15 May 2024 · 1 min read वादा चलो करते है एक वादा,तुम्हे लुभाने के लिए! पर शर्त यह -मत कहना उसे निभाने के लिए!! न जाने किस किस से क्या क्या वादे मैने किए? सामने देखकर वादा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 8 Share Bodhisatva kastooriya 15 May 2024 · 1 min read वादा चलो करते है एक वादा,तुम्हे लुभाने के लिए! पर शर्त यह -मत कहना उसे निभाने के लिए!! न जाने किस किस से क्या क्या वादे मैने किए? सामने देखकर वादा... Hindi · ग़ज़ल 8 Share डी. के. निवातिया 15 May 2024 · 1 min read मुहब्बत भी करके मिला क्या दिन-दिनांक : बुधवार, १५ मई, २०२४ विद्या : ग़ज़ल विषय : इश्क/प्यार/मुहब्बत शीर्षक : मुहब्बत भी करके मिला क्या बह्र: बहरे मुतकारिब मुसद्दस सालिम अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन मात्रा... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 9 Share भरत कुमार सोलंकी 15 May 2024 · 1 min read भूल ना था भुल ना था पश्चाताप के आलम में मैअपना वजूद खोज रहा विग्रह् के मनोरम मे मै रख कलम कुछ सोच रहा क्यो मैं अपने मां बाप की भूल था उम्मीद... Hindi · ग़ज़ल 8 Share प्रीतम श्रावस्तवी 15 May 2024 · 1 min read मुक्तक लगी होती है क्या दिल की इसे दिलबर ही समझेगा ये तन्हाई का आलम मील का पत्थर ही समझेगा ज़माना ये कहाँ समझेगा ये बेताबियाँ दिल की नदी बेचैन है... Hindi · ग़ज़ल · मुक्तक 9 Share Neelam Sharma 15 May 2024 · 1 min read बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है। #मतला कलम को ज़ाफरानी कर लिखा है। मिरा किस्सा कहानी कर लिखा है। #शेर सलौना सा सजन है और मैं हूँ, इश्क़ अपना रुहानी तर लिखा है। #शेर मुद्दतों बाद... Hindi · ग़ज़ल · बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन 10 Share Neelam Sharma 14 May 2024 · 1 min read अर्कान - फाइलातुन फ़इलातुन फैलुन / फ़अलुन बह्र - रमल मुसद्दस मख़्बून महज़ूफ़ो मक़़्तअ #मतला इक तेरी याद भुलाई न गयी। दास्तां दिल की सुनाई न गयी। #हुस्न-ए-मतला बात बिगड़ी थी बनाई न गयी । नफ़रतें दिल से मिटाई न गयी। #शेर तुहमतें खूब... Hindi · अर्कान - फाइलातुन फ़इलातुन फ · ग़ज़ल 10 Share Neelam Sharma 13 May 2024 · 1 min read वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: ओं स्वर रदीफ़ - में #मतला मुहब्बत से भरे ख़यालों में। यूँ ही उलझे रहे सवालों में। #शेर मर्ज़ कुछ लाइलाज़ होते हैं लोग झुकते हैं जा मज़ारों में। #शेर उसने सूरज को क़ैद रक्खा... Hindi · ग़ज़ल 22 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read उम्र घटने लगी उम्र घटने लगी, साँस थामने लगी, है बची ज़िंदगी आखिरी ........ देव जाने नहीं, शास्त्र जाने नहीं, नहीं जानी गुरु की है, महिमा कभी, अब क्या होगा प्रभो, अब क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 10 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read सोचा एक अफ़साना लिख दूँ, सोचा एक अफ़साना लिख दूँ, ज़िन्दगी का फ़साना लिख दूँ, अवसर एक सुहाना लिख दूँ, खुशी का परवाना लिख दूँ ।। गुज़रा हुआ ज़माना लिख दूँ, रूठना और मनाना लिख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 8 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read पिता पिता समान न जग में कोई, पिता सभी की जान है, पिता नहीं तो कुछ भी नहीं है, पिता है तो जहान है।। पिता से ही दिन, पिता से ही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 10 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read होली आई, होली आई, होली आई, होली आई, रंगों की सौगात है लाई।। ठंडक की हो गई विदाई, ग्रीष्म ऋतु की प्रभा है छाई। गुजिया और मिठाइयाँ खाई, मानवता की लौ है जलाई। होली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 11 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read बच्चे देश की शान हैं बच्चे देश की शान हैं, हमें उनपर अभिमान हैं, बच्चे मन के सच्चे हैं, सबकी आँखों के तारे हैं, बच्चे सबको भाते हैं, सबके मन को लुभाते हैं, देख-देख बच्चों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा 8 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read दीप जले जब सारी धरती आन मिले, जब मानवता का स्नेह जगे, जब हर मानव बंधु-सा लगे, तब मन ही मन में दीप जले।। जब भाई-भाई के गले लगे, जब न रहीम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 8 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read सूरज क्यों चमकता है? कविता-डॉ.नितेश शाह सूरज क्यों चमकता है? आग-सा क्यों दहकता है? चाँद क्यों दर-दर भटकता है? बादल क्यों बरसता है? क्यों बहती जलधारा है? क्यों दरिया इतना खारा है? क्यों नदियाँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 12 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read आँखें कुछ कहती हैं? आखें कुछ कहती हैं? सच को सच और झूठ को झूठ पढ़ लेती हैं, आखें कुछ कहती हैं? बंद आँखों से अपनेपन की बात वह समझती हैं आखें कुछ कहती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 9 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read कविता-निज दर्शन जल चन्दन अक्षत पुष्प को ले, अक्षय पद को पा न सके है, दीप, धुप, फल अर्घ्य भी ले, अनर्घ्य महल में जा न सके है, लाख बार नरभव को... Hindi · कविता · कहानी · ग़ज़ल 11 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read एक ज़माना ... एक ज़माना ... एक ज़माना था जब चिट्ठी-पत्री आती थी, तब पिय के मन की बात समझ में आती थी।। एक ज़माना था जब टेलीफोन पर गुफ्तगु होती थी, तब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल 11 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read दीप जलाएँ आओ मिलकर दीप जलाएँ, करुणा,दया, प्रेम दीपक में, स्नेहों का तेल चढ़ाएं... आओ मिलकर दीप जलाएँ ll भेदभाव की ना हो आँधी, राग-द्वेष की ना हो व्याधि, समता की सरिता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 13 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा, अलगाव की घटाएं हमको नहीं डिगांए, भाषा अनेक रंग भी हम एक हो मर जाएँ, पर मरते मरते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 10 Share Neelam Sharma 13 May 2024 · 1 min read बह्र- 1222 1222 1222 1222 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन काफ़िया - सारा रदीफ़ - है #मतला कहे जाते वो रो-रो कर हमारा दिल तुम्हारा है । सभी से हँस के यूँ मिलना नहीं बिल्कुल गवारा है। #हुस्न-ए-मतला उसी का नूर है हर शय उसी को... Hindi · ग़ज़ल · बह्र- 1222 1222 1222 1222 मुफ़ा 12 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले उलझन को सुलझाने निकले हम ख़ुद को दफ़नाने निकले नए नए अल्फ़ाज़ पहन कर कितने दर्द पुराने निकले राम-राज के धोबी सारे सबके मुँह से ताने निकले पुरस्कार समझा था... Hindi · ग़ज़ल 14 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read इतनी के बस ! जान देने की मेरी तैयारियाँ इतनी कि बस। और जीने की मेरी लाचारियाँ इतनी कि बस।। सबके होठों पे सजी है मुस्कुराहट देखिए, और आँखों में छिपी मक्कारियाँ इतनी कि... Hindi · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 13 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल-सपेरे भी बहुत हैं ! गो ज़हर भरे नागों के डेरे भी बहुत हैं पर अपने इलाके में सपेरे भी बहुत हैं माना के सियह रात है क़ाबिज़ हैं अँधेरे हर रात के आँचल में... Poetry Writing Challenge-3 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 10 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल-कुछ नहीं आता ! दिन-रात की आफत के सिवा कुछ नहीं आता चाहत में मुसीबत के सिवा कुछ नहीं आता लो चाय में भी चाय की पत्ती नहीं डाली तुमको तो मुहब्बत के सिवा... Poetry Writing Challenge-3 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 11 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल-दिल में दुनिया की पीर दिल में दुनिया की पीर ज़िंदा है यानि मेरा ज़मीर ज़िंदा है कोई हिन्दू है कोई मुस्लिम है कैसे कह दूँ कबीर ज़िंदा है तुझको देखा तो बस यही सोचा... Poetry Writing Challenge-3 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 9 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 13 May 2024 · 1 min read "बेज़ारे-तग़ाफ़ुल" यूँ बहुत कुछ है भले, उसको सुनाने के लिए, गीत भी इक लिखा है, रूबरू गाने के लिए। मुझसे वो माँग भी कोई कभी तो रख देता, मैं तो तैयार... Hindi · ग़ज़ल 3 3 20 Share Page 1 Next