Posts Tag: ग़ज़ल 1k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read दहेज मांग दस बीस, साठ सत्तर से लेकर, लाखों में बेच रहे लड़के हाय ये कितने भूखे नंगे हैं जो अपने बेटे तक को बेच रहे कहते पढ़ाया, स्नातक लगा पैसा इतना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · निबंध · लेख 1 13 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read अनंत प्रकृति का नव आगमन नव वर्ष आया द्वार है। दीप जले अंबर में, मंगल सारा संसार है,, आशाओं की धुन में गीत सुनाता नव वर्ष आया द्वार है। प्रकृति का भी नव आगमन लालिमा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल · मुक्तक 1 9 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read मन में रख विश्वास मन में रख विश्वास, तू करता रह प्रयास न हार अंत है जीवन का, अनंत करता रह प्रयास गिर गिर मकड़ी चढ़ती, फिर भी न माने हार बस तू अनंत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · लेख 11 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 2 min read जिंदगी तुझसे हार गया जिंदगी तुझसे वह हार गया, सहर्ष आत्महत्या स्वीकार गया, वह पंखे से है लटक गया, न जाने वह कैसे भटक गया, न थी कीमत उन नंबर की, जिन नंबर से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 9 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read मंजिल की चाह ये मंजिल को चाह है सताती बहुत है रुलाती बहुत है रुलाती बहुत है मिलेगी न चाहत, मिलेगी नसीहत करता है मेहनत तू करता जा बंदे अभी तेरी मंजिल में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · बाल कविता 9 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read इतना है अरमान हमारा जीवन गाड़ी ठीक चले बस इतना है अरमान हमारा सूरत अच्छी नहीं तो क्या है ? काम बने पहचान हमारा गुस्से में ही मर जाता है अंदर का इंसान हमारा... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · ग़ज़ल · शिवनी · हमीरपुर 11 Share Neelam Sharma 12 May 2024 · 1 min read बह्र -212 212 212 212 अरकान-फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन काफ़िया - आना रदीफ़ - पड़ा मतला अश्क पीने पड़े दर्द छिपाना पड़ा। चेहरे पर मुखौटा लगाना पड़ा। ******** हुस्न-ए-मतला भूल बैठे उसे यूँ जताना पड़ा। झूठ का जाल ही यूँ बिछाना पड़ा। ******** गिरह ज़ख्म... Hindi · ग़ज़ल · बह्र -212 212 212 212 अरकान-फ़ 13 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read हमारा चांद आया है श्रृंगार पर एक अदनी सी कोशिश हमारा चाँद आया है कि बागों में खिली कलियाँ बहारों ने सजाया है कि बागों में खिली कलियाँ हंसीं चेहरो की दुनिया में मेरा... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · ग़ज़ल · शिवनी · हमीरपुर 10 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read कोई और नहीं यादों में रहना, सीखना बाकी है, रक्त कि स्याही से इतिहास लिखना बाकी है। यूं फर्ज तो छोटू सा है, तू जो करेगा उससे बढ़कर कोई और नही, जो सोचेगा... Poetry Writing Challenge-3 · *जीवन का सत्य* · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · बाल कविता 10 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read बोलो हां कर दोगी ना जिस्म की रूह , बेखयाली में ख्याल, नींद में हो सपने ,तुम गैर होके भी अपने । क्या हॉल तुम्हारा बयां तो करो, खामोश लब, मुस्करा लेगें फिर से ,... Poetry Writing Challenge-3 · *जीवन का सत्य* · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · संस्मरण 11 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read मेहनत करके आगे आए हैं, रुकेंगे थोड़ी मेहनत करके आगे आए हैं, रुकेंगे थोड़ी, खानदानी खून है, यूं झुकेंगे थोड़ी...!! आंखों में जूनून है, कुछ पाने का, पास पहुंचकर अपने लक्ष्य को छोड़ेंगे थोड़ी...!! ज़ालिम है ये... Hindi · ग़ज़ल 9 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read टुकड़े-टुकड़े दिन है बीता, धज्जी-धज्जी सी रात मिली टुकड़े-टुकड़े दिन है बीता, धज्जी-धज्जी सी रात मिली, जिसका जितना दामन था, उसको उतनी सौगात मिली!! बीते हुए उन सालों से पूछो, किसको कितना प्यार हुआ, थोड़ी ही खुशियों की... Hindi · ग़ज़ल 8 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read मौसम बहुत सर्द है, आओ कुछ ख़्वाहिशों को आग लगाई जाए!! दिन है तन्हा, रात है तन्हा, चलो कोई दर्द भुलाई जाए, मौसम बहुत सर्द है, आओ कुछ ख़्वाहिशों को आग लगाई जाए!! बिन तुम्हारे कभी नहीं आई, चलो मेरी नींद... Hindi · ग़ज़ल 8 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी जीने को कुछ वक्त बाकी है!! क्या बयां करूं, गर्दिश-ए-हालात में, ज़िंदगी जीने को कुछ वक्त बाकी है!! मैं सोचता बहुत हूं, मगर ये भी न सोचूं, अंधेरों में चराग़ जलाना अभी बाकी है!! मंजिलें कुछ... Hindi · ग़ज़ल 9 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read प्रगति पथ पर बढ़ते जाओ प्रगति पथ पर बढ़ते जाओ, पर मानवता की डोर ना छूटे!! 'उस' ओर पहुंचने की चाहत में तुमसे तुम्हारा इस ओर ना छूटे!! हमारा उम्र भर का साथ जो ठहरा,... Hindi · ग़ज़ल · शेर 9 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 12 May 2024 · 1 min read मेरी वो हसरत, जो हमेशा टूट जाती है मेरी वो हसरत, जो हमेशा टूट जाती है, मेरी क़िस्मत ही मुझसे यूं रूठ सी जाती है!! प्यार हो जाना, जैसे ख़ुदा की इबादत हो गई, इक ज़िंदगी से नई... Hindi · ग़ज़ल · शेर 8 Share Diwakar Mahto 12 May 2024 · 1 min read उस चाँद की तलाश में होगी कोई प्रेम कहानी हमारी भी , बस इसी की आस में । मैं चल पड़ा इस सफर पर तन्हा , उस चाँद की तलाश में ।। कब तलक रहोगे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · शेर 10 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read कहानी न पूछो बुझी आग से जिंदगानी न पूछो। लहर से कदम की निशानी न पूछो। किया कत्ल जिसने गले से लगा कर- उसी से प्रणय की कहानी न पूछो। लहर ने जगाया... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 9 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read क्या मिला तुझको? ऐ दिले नादान आखिर क्या मिला तुझको। हर सजा दे दी मुझे फिर भी गिला तुझको।। छोड़कर जाना सही इक सोच हो लेकिन, सालता होगा तुम्हारा फैसला तुझको। गलतियाँ मुझसे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 10 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read बुलाकर तो देखो मिलेंगे खुदा बस बुलाकर तो देखो। खुदी में भरोसा जगाकर तो देखो।। दुआ से भरे भव खजाने तुम्हारे, गिरे को जरा सा उठाकर तो देखो। किसी आँख से अश्क बनकर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 1 11 Share Mangilal 713 12 May 2024 · 1 min read सीख गुलाब के फूल की कांटे होते गुलाब में, तोड़ते है फिर भी उसे। छोड़े खुशबू हाथ में, तोड़कर जो उसे फेंक दे।। तू अपने जीवन पथ में, क्यों डरता है बाधाओं से । मूल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गुलाब और काॅंटे 6 13 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल झुक गयी तलवार जब खुद हौसले हुक्काम की। फिर निहत्थे हाथ से उम्मीद क्या अंजाम की।। सोच की रंजिश हकीकी शौकिया जज़्बात से, शौक में लुटती रही ख़लकत यहाँ इलहाम... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 8 Share Mangilal 713 12 May 2024 · 1 min read चांद सितारों सी मेरी दुल्हन चांद-सितारों सी मेरी दुल्हन कैसे कह दूं चांद तू बहुत खुबसूरत है सुना था लोगों से आईना सच बोलता है देखा जब मैने मेरी दुल्हन को आईने में तो लगा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 6 11 Share Phool gufran 12 May 2024 · 1 min read मां वो लफ़्ज़ ढूंढ़ने से भी मिलता नहीं अखबारों में। मां की ममता अब भी बिकती नहीं बाज़ारों में। ज़माने भर में तलाश उसकी करो तुम मेरे हमदम। मां के जैसा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 15 Share Mangilal 713 12 May 2024 · 1 min read भटक ना जाना मेरे दोस्त भटक ना जाना मेरे दोस्त तुम इन जिंदगी की राहों में राहों में मिलेंगे यहां तुम्हे कई कांटे कई फूल भी जमाना खराब बहुत है लोग लाजवाब बहुत है राहों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · बाल कविता 6 11 Share Mangilal 713 12 May 2024 · 1 min read मां का महत्त्व मुंह से निकली बच्चे के पहली पुकार है “मां” आदि और अंत संसार का होती है “मां” आगे जिसके पूरी दुनिया छोटी लगती वो है “मां” आगे जिसके रिश्ते सारे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · बाल कविता 6 15 Share Ghanshyam Poddar 11 May 2024 · 1 min read हुस्न छलक जाता है ........ हुस्न छलक जाता है, जब तुम अंगराई लेती हो, मदहोश हो जाता हूं, जब तुम अंगराई लेती हो। हुस्न झलक जाता है, जब तुम नहाकर आती हो, मन -मुग्ध हो... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 12 Share Neelam Sharma 11 May 2024 · 1 min read बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## चुप्पियाँ (इयाँ) रदीफ़ ## बिना रदीफ़ 2122 2122 2122 212 गिरह रोज़ हम तो हैं सुलाते देके ग़म को थपकियाँ। बेबसी की सिसकियों में गूँजती सी चुप्पियाँ । १) देखकर ख़ामोश लहरें और सागर चुप्पियाँ। आज... Hindi · ग़ज़ल · बह्र 2122 2122 2122 212 फ़ाइ 1 11 Share Mangilal 713 11 May 2024 · 1 min read मां की महत्ता मुंह से निकली बच्चे के पहली पुकार है “मां” आदि और अंत संसार का होती है “मां” आगे जिसके पूरी दुनिया छोटी लगती वो है “मां” आगे जिसके रिश्ते सारे... Hindi · कविता · कुण्डलिया · कोटेशन · ग़ज़ल · बाल कविता 6 16 Share Mangilal 713 11 May 2024 · 1 min read भटक ना जाना मेरे दोस्त भटक ना जाना मेरे दोस्त तुम इन जिंदगी की राहों में राहों में मिलेंगे यहां तुम्हे कई कांटे कई फूल भी जमाना खराब बहुत है लोग लाजवाब बहुत है राहों... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल · मुक्तक 6 9 Share Neelam Sharma 11 May 2024 · 1 min read बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊलुन काफ़िया -आ रदीफ़ -रहा है गिरह चाहत की बानगी से अपना बना रहा है। १) देखो वो जा रहा है। झगड़ा मिटा रहा है। २) वादा किया जो उसने पूरा निभा रहा है। ३) हाथों... Hindi · ग़ज़ल · बह्र 2212 122 मुसतफ़इलुन फ़ऊल 2 16 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 11 May 2024 · 1 min read औरत औकात अदा अंदाज़ जन्नत कि जीनत फूल सी नाज़ुक पांव जमीं पे अपसाना।। जमाने का डोलता ईमान तेरे इशारे का खुदा मेहरबान करम अंजाम तेरा जलवा इशारा खुदाई शान दिल जज्बा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 12 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 11 May 2024 · 1 min read है शामिल नामुमकिन भूला पाना , ज़िंदगी में इस क़दर है शामिल ।। ज्ज्बा क़िरदार लम्हा लम्हा संजीदा ज़िंदगी का एकरार हैं शामिल।। ख़ामोश ज़िंदगी में ज़ुल्म सितम का एहसास काश कशिश... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 11 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 11 May 2024 · 1 min read दिल चेहरा आईना आईना चेहरे कि हकीकत दिल की सच्चाई इज़हार अाईना।। लाख छुपाओ चेहरे का राज बता देता दिल चेहरे को जज्बात दिखा देता आईना।। दिल आईना शीशे से भी ज्यादा नाज़ुक... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 14 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 11 May 2024 · 1 min read इश्क जाबए इश्क जिंदगी इश्क यकीन जिंदगी ने जाना। हुस्न इश्क आग का दरिया डूबते जाना।। इश्क में जीना मरना मीट जाना इश्क हद से गुजरता जुनून जज्बा इश्क आँसू मुस्कान... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 14 Share Neelam Sharma 11 May 2024 · 1 min read वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ - न हुआ गिरह जान का रोग है बला है इश्क़ मैं न अच्छा हुआ बुरा न हुआ। १)इश्क़ के मर्ज़ में जो जुदा न हुआ। क्या कहूँ तुमसे मैं कि क्या न... Hindi · ग़ज़ल · वज़्न - 2122 1212 22/112 1 10 Share भरत कुमार सोलंकी 11 May 2024 · 1 min read प्रेम का वक़ात 3.5.37 वक्त के दरियों में कुदने की मेरी औकात नही रक्त के दरिया में नहाने की मेरी सोगात लगी निश्छल भाव से किसी गैर के मन में समाया था। रक्त... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 13 Share भरत कुमार सोलंकी 11 May 2024 · 1 min read आक्रोश तेरे प्रेम का अटल इरादा रख मून म पटल पर देख क्यों खामोश बनी? इसी विचार पर रख मन को नकल कर सका फिर क्यों आक्रोश था ? लिखी अपनी कलम से तेरे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 10 Share भरत कुमार सोलंकी 11 May 2024 · 1 min read आक्रोश प्रेम का अटल इरादा रख मून म पटल पर देख क्यों खामोश बनी? इसी विचार पर रख मन को नकल कर सका फिर क्यों आक्रोश था ? लिखी अपनी कलम से तेरे... Hindi · ग़ज़ल 10 Share Aisha Mohan 10 May 2024 · 1 min read हमारे ख्याब हम बदीया नहीं तकते हम तो ख्याब देखते हैं और जिनके हम ख्याब देखते हैं वो शक् हम पर जान फेकते हैं❤ Hindi · *प्रेम नगरिया* · ग़ज़ल 1 20 Share sudhir kumar 10 May 2024 · 1 min read *मुझे गाँव की मिट्टी,याद आ रही है* ___________________________ मुझे गाँव की मिट्टी , याद आ रही है। मेरे जिस्म की मिट्टी , छटपटा रही है। मुझको याद आ रहे हैं,बचपन के दिन, मेरे साथियों की मंडली ,... Hindi · ग़ज़ल 1 13 Share sudhir kumar 10 May 2024 · 1 min read *भला कैसा ये दौर है* भला कैसा ये दौर है, ये कैसा ज़माना है। ना कोई अपना ही है, ना कोई बेगाना है। भले दिल मिलें या दिल में कोई दरार हो, दस्तूर यही है... Hindi · ग़ज़ल 1 13 Share sudhir kumar 10 May 2024 · 1 min read *कागज़ की कश्ती* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ कागज़, कश्ती और बारिश का पानी। बचपन के दिन, वो बेफिक्र जिंदगानी। वो भारा सा बस्ता और सस्ता ज़माना, वो झूठी सी कोई शिक़ायत लगानी। वो तितली पकड़ना और... Hindi · ग़ज़ल 1 17 Share Phool gufran 10 May 2024 · 1 min read ख्वाब एक रात मुझे ख्वाब में चांद नज़र आया । फिर लोगों ने कहा चांद तेरे आंगन में उतर आया। ये मंज़र देखने बालों की भी आंखें भर आयीं । हर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 12 Share Akash Agam 10 May 2024 · 1 min read चाहतें तुम्हें गाना चाहता हूंँ जैसे गा गए राम को कबीर और कबीर को कुमार गंधर्व तुम्हें देखना चाहता हूंँ जैसे देखा था गैलीलियो ने अनंत अन्तरिक्ष तुम्हें पाना चाहता हूंँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · कोटेशन · ग़ज़ल · गीत 2 15 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 10 May 2024 · 2 min read वक्त गीत - - - - - - एै वक्त ठहर जा कोई खास अंदाज़ है आने वाला तेरे लम्हों के इंतज़ार का शबब तेरी तारीख का नूर बताने वाला!! एै... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 11 Share भरत कुमार सोलंकी 10 May 2024 · 1 min read Sahityapedia Sahityapedia मेरी ओकात क्या” समय के फेर बदल में मैं सैकण्ड की सुई टिक टिक कर टिक रहा घण्टा में आसानी से प्यादे के संग में बेखौफ होकर बिक रहा... Hindi · ग़ज़ल 22 Share भरत कुमार सोलंकी 10 May 2024 · 1 min read " मेरी ओकात क्या" " मेरी ओकात क्या" समय के फेर बदल में मैं सैकण्ड की सुई टिक टिक कर टिक रहा घण्टा में आसानी से प्यादे के संग में बेखौफ होकर बिक रहा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 15 Share भरत कुमार सोलंकी 10 May 2024 · 1 min read जीवन को नया जीवन को नया खुद को खुद से ज्यादा खुद पर भरोसा है नास्तिक हूँ इसीलिए दिखावट से परे हूँ आडम्बर का रख बहाना चून , चापलुसी की चतुराई को पतवार... Hindi · ग़ज़ल 12 Share भरत कुमार सोलंकी 10 May 2024 · 1 min read जीवन की नैया जीवन की नैया खुद को खुद से ज्यादा खुद पर भरोसा है नास्तिक हूँ इसीलिए दिखावट से परे हूँ आडम्बर का रख बहाना चून , चापलुसी की चतुराई को पतवार... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 13 Share Previous Page 2 Next